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हजारों रुपये देकर ऋषि कपूर ने खरीदा था अपना पहला अवार्ड, सारी उम्र रहा पछतावा

बॉलीवुड इंडस्ट्री में जोर पकड़ते नेपोटिज्म और कैम्पबाजी की चर्चा के बीच कई फिल्मी कलाकार अपने अपने विचार रख रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले दिनों ऑस्कर विनिंग संगीतकार ए आर रहमान भी अपनी व्यथा सुना चुके हैं, उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड में एक गैंग है जो लगातार उनके बारे में अफवाहें फैलाकर उन्हें काम मिलने में अड़चनें पैदा कर रहा है। वहीं म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े एक और शख्स रेसुल पुकुट्टी ने कहा था कि ऑस्कर जीतने के बाद भी उन्हें साइडलाइन किया गया।

नेपोटिज्म, कैम्पबाजी, डिसक्रिमिनेशन, और इनसाइडर-आउटसाइडर के बीच अब बॉलीवुड के अवॉर्ड शो भी विवादों में घिर चुके हैं। याद दिला दें कि कुछ ही समय पहले गीतकार मनोज मुंतशिर के लिखे गाने ‘तेरी मिट्टी’ को फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिलने से वो काफी दुखी हुए थे और उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वो आगे से किसी अवॉर्ड शो में हिस्सा नहीं लेंगे। लिहाजा ये पहली दफा नहीं है, जब अवॉर्ड शो को लेकर विवाद हुए हों। इससे पहले भी कई बार अवॉर्ड शो को लेकर कई विवाद हो चुके हैं। इसी कड़ी में इन दिनों ऋषि कपूर से जुड़ी एक कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। आइये जानते हैं, आखिर क्या है पूरा मामला…

जानिए कैसे शुरू हुआ ऋषि कपूर का फिल्मी करियर

दरअसल बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा था कि उन्होंने 50 साल पहले 30 हजार रूपए देकर फिल्म अवॉर्ड खरीदा था, यही खबर आजकल सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रही है। बता दें कि ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत साल 1970 में की थी, उन्होंने अपने पिता राज कपूर के फिल्म मेरा नाम जोकर में एक बाल कलाकार के रूप में पहली बार फिल्मी दुनिया में अपने कदम रखे थे। इस फिल्म के 3 साल बाद यानी साल 1973 में ऋषि कपूर ने फिल्म बॉबी में लीड रोल प्ले किया। बता दें कि ऋषि कपूर की ये फिल्म सुपरहिट रही थी।

ऋषि कपूर ने 30 हजार रूपए देकर खरीदा था अवॉर्ड…

फिल्म बॉबी से ही डिंपल कपाड़िया ने भी अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी। मालूम हो कि इस फिल्म में शानदार एक्टिंग के लिए ऋषि कपूर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था, मगर इस पुरस्कार के लिए ऋषि कपूर ने 30 हजार रूपए दिए थे। जी हां, सही सुना आपने। पुरस्कार के लिए 30 हजार रूपए देने की बात हम नहीं, बल्कि इस बात का खुलासा खुद ऋषि कपूर ने अपने ऑटोबायोग्राफी में की है। बता दें कि उनकी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला साल 2017 में रिलीज हुई थी।

अपनी आत्मकथा में उन्होंने ये भी लिखा है कि उस दौरान वो काफी जवान थे और अपनी पहली ही फिल्म की सफलता से काफी खुश थे। ऋषि कपूर लिखते हैं कि सफलता की खुशी इतनी थी कि मैंने अपने लिए अवॉर्ड खरीद लिया था। हालांकि ऋषि ने अवॉर्ड खरीदने को गलती माना है, उन्होंने लिखा है कि वो जब भी इस बारे में सोचते हैं, तो उन्हें पछतावा होता है। बता दें कि ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में ऐसे ही कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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