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वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने PM नरेंद्र मोदी को भेजी स्पेशल राखी, लोगों को दिया ये संदेश…

हर साल राखी के पर्व पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई सारी महिलाएं राखी भेजती हैं। इस बार भी मोदी को राखी भेजने की तैयारियों में महिलाएं लगी हुई हैं और अपने हाथों से पीएम के लिए राखी बना रही हैं। वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने बेहद ही सुंदर राखियां अपने हाथों से बनाई है और ये राखियां मोदी जी को भेजी गई है।

ये राखी मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में बनाई गई है। इस फाउंडेशन की और से हर साल मोदी को मुस्लिम महिलाएं राखी भेजती हैं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन के अनुसार वो साल 2013 से पीएम मोदी को राखी भेज रहे हैं और इस साल भी उन्होंने मोदी को राखी भेजी है।

खुद से बनाई रखी

इस बार मुस्लिम महिला फाउंडेशन की महिलाओं ने चीन की राखियों का बहिष्कार किया है और लोगों से अपील की है कि वो भी अपने हाथों से राखी बनाएं। इन महिलाओं ने एक साथ मिलकर सितारा, टिक्की, गत्ता, लैस और कई तरह की तस्वीरों का प्रयोग कर ये राखियां तैयार की है।

ट्रंप के लिए भी बनाई रखी

मोदी के अलावा इन महिलाओं ने ट्रंप और इंद्रेश के लिए भी राखी बनाई है। मंगलवार को इंद्रेश नगर लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान की ओर एक कार्यक्रम रखा गया था। जहां पर मुस्लिम महिलाओं ने गीत गए और मोदी, ट्रंप और इंद्रेश राखी बनाई।

इन महिलाओं ने राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिवारवालों के लिए भी खास राखी बनाई है। आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने कैथल से श्रीराम राखी, मोदी राखी, ट्रंप राखी और इंद्रेश राखी का आनलाइन उद्घाटन किया। वहीं इस विषय पर बात करते हुए विशाल भारत संस्थान के संस्थापक डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि ये महिलाएं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी राखी भेजने वाली हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राखी भेजकर ये भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूती प्रदान करेंगी। जिन महिलाओं ने ये राखी बनाई हैं उनके नाम नजमा परवीन, सोनी बानो, अर्चना भारतवंशी, डॉ मृदुला जायसवाल, नाजमा बानो, नगीना, मुन्नी बेगम, सुनीता श्रीवास्तव है।

गौरतलब है कि हर साल राखी के पर्व पर कई सारे स्कूल के बच्चे मोदी से मिलते हैं और उन्हें राखी बांधते हैं। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से राखी का ये कार्यक्रम रद्द किया जा सकता है। हालांकि कई महिलाएं पोस्ट के जरिए मोदी जी को राखी भेज रही हैं।

नहीं बेची जा रही है चीन की राखी

इस बार बाजारों में चीन देश की बनी हुई राखियों को नहीं बेचा जा रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम के चलते इस बार भारतीय सामानों से बनी राखियों की मांग बढ़ गई है। राखी के त्यौहार पर देश भर में 50 करोड़ से ज्यादा राखियां खरीदी जाती हैं। हर साल 6 हजार करोड़ रुपये का व्यापार राखी के त्यौहार के समय होता है। पिछले कई वर्षों से चीन राखी अथवा राखी का सामान बेचकर भारत से मोटी कमाई कर रहा था। एक अनुमान के अनुसार चीन हर वर्ष लगभग 4 हजार करोड़ रुपये राखी बेचकर कमाता था। लेकिन इस बार केवल भारत में बनीं राखियों का ही प्रयोग किया जा रहा है।

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