बॉलीवुड

सुशांत सिंह राजपूत केस में डॉक्टरों का बड़ा खुलासा, उलझन में फंसी मुंबई पुलिस

बॉलीवुड के युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने बीते 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुशांत की मौत ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। फैंस समेत  बॉलीवुड के एक धड़े के अनुसार बॉलीवुड में फैला नेपोटिज्म ही सुशांत के मौत का कारण है। जबकि बॉलीवुड का दूसरा धड़ा नेपोटिज्म के सारे आरोपों को खारिज कर रहा है। इसी बीच सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में मुंबई पुलिस ने एक नया खुलासा किया है। आइए जानते हैं, आखिर मुंबई पुलिस की तरफ से कौन से नए खुलासे हुए हैं।

दरअसल मुंबई पुलिस ने 3 मनोचिकित्सकों और 1 मनोवैज्ञानिक का बयान दर्ज किया है। इन डॉक्टरों द्वारा दिए बयान के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत नवंबर 2019 से अपना इलाज करवा रहे थे। इसके अलावा मुंबई पुलिस द्वारा डॉक्टरों से की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं और कई नई जानकारियां सामने आई हैं।

डॉक्टरों ने कहा ‘तनाव में जी रहे थे सुशांत’

पुलिस के अनुसार 1 मनोचिकित्सक ने बताया है कि सुशांत सिंह राजपूत बाइपोलर डिसऑर्डर नामक बीमारी से ग्रसित थे। इसके अलावा अन्य डॉक्टर्स का कहना है कि सुशांत पिछले कुछ महीनों से तनाव में जी रहे थे। हालांकि तनाव की वजह क्या थी, इसके बारे में डॉक्टर्स नहीं बता पा रहे हैं। डॉक्टर्स द्वारा इस खुलासे के न होने से मुंबई पुलिस की  दिक्कतें बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि अगर डॉक्टर्स ये खुलासा कर देते, तो मुंबई पुलिस को केस सुलझाने में आसानी होती।

क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर

मेडिकल साइंस की भाषा में बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है। इस बीमारी के कारण मरीजों की दिमागी स्थिति बहुत जल्दी परिवर्तित होती है। साथ ही उनके व्यवहार में तेजी से बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। सामान्य भाषा में इसे गहरा मानसिक अवसाद भी कहा जाता है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी के चलते मरीजों के मन में भावनात्मक रूप से बहुत तेजी से बदलाव होते हैं।

सुशांत कुछ महीनों से नहीं मिल रहे थे डॉक्टर से…

पुलिस ने खोजबीन में पाया है कि सुशांत को अपने इलाज करने वाले डॉक्टर पर ही भरोसा नहीं था। इसी वजह से वो अपने डॉक्टर से 2 से 3 बार मिलने  के बाद तुरंत डॉक्टर बदल दिया करते थे। पुलिस ने जांच पड़ताल में सुशांत का इलाज कर रहे डॉक्टरों से पूछताछ की, तो डॉक्टरों ने बताया कि सुशांत टाइम से दवा नहीं लेते थे और दवाओं का कोर्स भी आधे में छोड़ देते  थे। बताया गया कि आखिरी बार उन्होंने जिस डॉक्टर से  इलाज करवाया था, वो बाइपोलर डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट दे रहे थे।

कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में सुशांत ने डॉक्टर से फोन पर ही सलाह लेना शुरू कर दिया था। डॉक्टरों का ये भी शक है कि सुशांत ने पिछले 2 से 3 महीनों में दवा लेना ही बंद कर दिया था। इसके अलावा वे जरूरी परहेज भी नहीं कर रहे थे और ना ही डॉक्टरों की सलाह मान रहे थे।

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