राजनीति

यूपी में मायावती को बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी बसपा

Mayawati

 

यूपी में मायावती को बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी बसपा

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मायावती पर विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों को टिकट बेचने के गंभीर आरोप लगाए हैं। आज दोपहर बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका ऐलान भी कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘मैंने मायावती को पत्र लिखा। पिछड़ों के अपमान पर उनका ध्‍यान दिलाया। बाबा साहब अंबेडकर की याद दिलाई। लेकिन आज मायावती बाबा साहब अंबेडकर और कांशीराम के विचारों का सौदा कर रही हैं। मायावती टिकटों की नीलामी कर रही हैं। बसपा टिकटों की नीलामी का गढ़ बन गया है। मायावती लालच में आकर अंबेडकर के विचार भूल गईं। मायावती ने पिछड़ों का बड़ा नुकसान किया है। अगर मायावती अंबेडकर के आदर्शों पर चलतीं तो साल 2012 और 2014 में भी हम चुनाव जीत जाते। साल 2014 के चुनाव में सारे प्रत्याशी पैसे लेकर चुनाव लड़े थे।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘अब 2017 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी पार्टी ने कोई तैयारी नहीं की। लेकिन आज एक-एक सीट पर बार-बार‍ टिकट बेचे जा रहे हैं। इससे बसपा का कैडर निराश हो गया है। मायावती मनुवाद के मकड़जाल में फंस चुकी हैं। बीते साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती थी। उसके दो दिन बाद मायावती ने मुझे किसी भी महापुरुष के कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया। मुझे पार्टी में घुटन महसूस होने लगी थी।’

उन्होंने यह भी कहा कि मायावती बीजेपी को मजबूत करने में जुटी हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बबलू प्रसाद ने टिकट बंटवारे में अपने लोगों को फायदा पहुंचाया है। मैंने जिन लोगों की पैरवी की थी, मायावती ने उन पर एक नजर तक नहीं डाली।

स्वामी प्रसाद मौर्य नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वह बहुजन समाज पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में भी एक थे। उन्होंने कहा, ‘बसपा में दलितों की कोई जगह नहीं रह गई है। मायावती दलित के सपनों में पलीता लगा रही हैं। जिला पंचायत सदस्यों से भी मायावती ने पैसे लिए हैं। 

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लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा छोड़ने पर मायावती ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य पुराना दल बदलू है। वह मुलायम सिंह यादव का पुराना साथी है। उसके घर भर को टिकट नहीं दिया, इसलिए उसने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद ने बसपा छोड़कर उपकार किया है। पार्टी नहीं छोड़ता तो हम उसे निकाल देते। बीते चुनाव में मौर्य की हार हुई थी। इसके बावजूद पार्टी में उसे जगह दी गई ओर एडजस्ट भी किया गया।

मायावती ने आगे कहा, ‘बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य नहीं सुधरा। हमारी सरकार नहीं आई, इसके बावजूद स्वामी को विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया। साल 2012 में ही उसे निकालने का फैसला कर लिया था। लेकिन कुछ लोगों के कहने पर एक्शन नहीं लिया।’

टिकट के बदले पैसे लेने के आरोप पर मायावती ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य के घर भर को चुनाव लड़वाया है। अब वो बताएं कि उन्होंने कितना पैसा बसपा को दिया है। मौर्या ने सिर्फ इसलिए पार्टी छोड़ी है क्योंकि उसके बच्चों को टिकट नहीं दिया गया है। मौर्य अब परिवारवाद के चक्कर में पड़ गया है, जबकि बीएसपी परिवारवाद से दूर रहती है।

मायावती ने कहा कि मैं कांशीराम के सिद्धांतों पर आज भी चल रही हूं। पार्टी विरोधी गतिविधियों और परिवारवाद के चलते पहले भी कई विधायकों को पार्टी से निकाला गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा में जाना चाहता है। लेकिन वहां भी उसका इस्तेमाल ही किया जाएगा।

मायावती ने कहा कि माया के पास माया की कमी नहीं है। न ही कभी कार्यकर्ताओं को पैसों को दिक्कत होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कांशीराम ने जिंदगी में कई कड़े फैसले लिए। उन्होंने परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। कांशीराम ने मुझे पार्टी का उत्तराधिकारी बनाया। जब तक मैं जिंदा हूं, कांशीराम के सिद्धांत पर चलूंगी। परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दूंगी।

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