राजनीति

बीजेपी पार्टी में शामिल होने को लेकर सचिन पायलट ने तोड़ी अपनी चुप्पी, किया ये बड़ा ऐलान

सचिन पायलट ने बीजेपी पार्टी में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है और कहा है कि वो इस पार्टी में शामिल नहीं होंगे। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए कांग्रेसी नेता सचिन पायलट ने कहा कि ‘राजस्थान में कुछ नेताओं ने अटकलों को हवा देने की कोशिश की कि मैं बीजेपी में शामिल हो रहा हूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं। मैंने राज्य में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की है।’

बीजेपी में शामिल होने का मिला था आमंत्रण

कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की और से पार्टी में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था। पायलट को लेकर राजस्थान के बीजेपी नेताओं ने मंगलवार को कहा था कि उनकी पार्टी के दरवाजे किसी भी व्यक्ति के लिए खुले हैं। जो कि उनकी विचारधारा पर भरोसा व्यक्त करते हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि अगर कोई भी बड़ा जनाधार वाला व्यक्ति बीजेपी या किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होता है। तो हर कोई उसका स्वागत करता है। हमारी विचारधारा पर भरोसा जताते हुए अगर कोई भी हमारे साथ आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे। ये एक सामान्य प्रक्रिया है।

लेकिन आज सचिन पायलट ने बीजेपी में शामिल होने की खबरों को खारिज कर दिया है। कहा जा रहा है कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बना सकते हैं। हालांकि अभी तक पार्टी बनाने की खबरों पर सचिन पायलट की और से कोई भी बयान नहीं आया है।

किया गया नोटिस जारी

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने को लेकर सचिन पायलट को नोटिस जारी किया गया है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए सचिन पायलट और पार्टी के 18 अन्य सदस्यों को नोटिस जारी किया गया है। इन लोगों को नोटिस का जवाब देने के लिए 2 दिनों का समय दिया गया है। अगर इनकी और से कोई भी जवाब नहीं आता है तो ये माना जाएगा कि वे सीएलपी से अपनी सदस्यता वापस ले रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट

सचिन पायलट को कल कांग्रेस ने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया था। सचिन पायलट के अलावा उनको समर्थन देने वाले दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी बर्खास्त किया गया था। दरअसल मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें सचिन पायलट और उनको समर्थन देने वाले विधायक शामिल नहीं हुए थे। वहीं इस बैठक में विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता मानते हुए उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद पायलट को उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया, लेकिन पार्टी से बाहर नहीं किया गया।

गौरतलब है कि साल 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलवाने में सचिन पायलट की अहम भूमिका रही थी। लेकिन पार्टी ने सचिन पायलट की जगह आशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। सचिन पायलट पार्टी के इस फैसले से खुश नहीं थे और अब इन्होंने खुलकर बगावत की है।

Back to top button