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जानिये क्या अपराध किया था विकास ने जिसके चलते विकास को पकड़ने पहुंची थी पुलिस, हुआ बड़ा खुलासा

कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी तक फरार है और इसको पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी चल रही है। शुक्रवार को 8 पुलिस कर्मियों को मारने के बाद से विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल सका है। विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ पूर्वी व पश्चिमी यूपी के कई जिलों में लगातार छापे मार रही है।

इस मामले के लिए विकास दुबे को पकड़ने पहुंची थी पुलिस

शुक्रवार को पुलिस कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी। लेकिन विकास दुबे को पहले से ही इस बात की जानकारी लग गई थी। जिसके बाद विकास दुबे ने योजना बनाकर पुलिस पर ही हमला कर दिया था। दरअसल सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के पास विकास दुबे की एक शिकायत आई थी और इस शिकायत के बाद सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र अपनी टीम के साथ विकास दुबे के गांव पहुंचे थे।

विकास दुबे के रिश्तेदार ने की थी शिकायत

विकास दुबे पर पारिवारिक बहनोई राहुल तिवारी ने केस दर्ज करवाया था। दरअसल घनश्यामपुर ग्राम पंचायत के मोहनी निवादा गांव की छह बीघा जमीन को लेकर विकास और राहुल के बीच में विवाद हुआ था। जो कि तीन साल से चल रहा था। ये जमीन दिवंगत लल्लन शुक्ला की थी। लल्लन शुक्ला की तीन बेटियां है। वहीं कोई पुत्र ना होने पर लल्लन शुक्ला ने अपने भांजे सुनील शुक्ला को गोद लिया था।

लल्लन शुक्ला की बेटियों के नाम सुनीता, प्रतिमा और सरिता है। राहुल तिवारी लल्लन शुक्ला की बेटी प्रतिमा का पति है। जबकि लल्लन के पुत्र सुनील शुक्ला का विवाह बिकरू गांव के विकास दुबे की पारिवारिक बहन समीक्षा से हुआ है। राहुल तिवारी अपने ससुर की मौत के बाद उनकी जमीन बेचकर अपनी छोटी साली सरिता का विवाह करना चाहता था। लेकिन  विकास दुबे जमीन सुनील की दिलवाना चाहता था। यहीं से राहुल और विकास दुबे के बीच लड़ाई शुरू हो गई।

विकास दुबे और उसके कुछ लोगों ने राहुल पर झूठा केस कर उसे फंसाने की कोशिश की। इन लोगों ने राहुल पर अपहरण, मारपीट और अन्य आरोप लगाए और चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को शिकायत की। जिसके बाद राहुल को पकड़ लिया गया। लेकिन राहुल ने सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा से मदद मांगी और विकास दुबे सहित उसके कई साथियों पर गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाई। सीओ बिल्हौर ने आलाधिकारियों से अनुमति लेकर चौबेपुर, शिवराजपुर और बिठूर थानों की फोर्स के साथ बिकरू गांव में दबिश की।

विकास दुबे को थी पुलिस रेड की जानकारी

विकास दुबे के पास पुलिस रेड की जानकारी किसी दारोगा ने पहुंचा दी और विकास दुबे ने दबिश करने आई सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और उनकी टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिस वाले मारे गए। विकास दुबे ने पुलिसवालों को मारने के बाद इनके शव के साथ बर्बरता भी की और इन्हें जलाने की कोशिश की। वहीं इस वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ फरार हो गया। पुलिस ने विकास दुबे पर 1 लाख का इनाम भी रखा है और 6 राज्यों की पुलिस इसकी तलाशी में लगी हुई है। इस मामले में पुलिस ने 18 अपराधियों को सूची जारी की है, जो कि इस हमले में शामिल थे। इन सभी पर 25 -25 हजार का इनाम रखा गया है।

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