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शहीद होने से पहले SO महेश यादव ने बचाई कई जान, आखिरी कॉल में कहा- ‘चल रही हैं गोलियां, बचना…’

कानपुर एनकाउंटर में शहीद होने वाले SO ने आखिरी कॉल अपनी टीम को किया था, ताकि अन्य पुलिसकर्मियों की जान बच सके।

कानपुर में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुए मुठभेड़ में एक डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक, पुलिस और बदमाशों के बीच हुए इस मुठभेड़ में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। इस घटना के बाद से प्रदेश पुलिस में हड़कंप मच गया है, वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसी बीच शहीद हुए एसओ महेश यादव की एक कॉल, जो उन्होंने अपने थाने के एसएसआई को की थी, इसकी खूब चर्चा हो रही है। आइये जानते हैं, एसओ महेश यादव ने अपने इस आखिरी कॉल में क्या कुछ कहा था…

एसओ महेश यादव ने थाने के एसएसआई को फोन करके कहा कि…हैलो, बदमाशों ने हमें घेर लिया है…गोलियां चल रही हैं…अब बचना मुश्किल है…जल्द फोर्स भेजें। इस कॉल के बाद भारी संख्या में पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। बता दें कि भारी फोर्स पहुँचने से दूसरे कई पुलिसकर्मियों की जान बच सकी। साफ है कि शहीद एसओ महेश यादव के आखिरी कॉल ने कई पुलिसकर्मियों की जान बचाई।

शातिर अपराधी विकास दुबे के यहां दबिश डालने पहुंची थी पुलिस

कानपुर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम

दरअसल कानपुर के एक शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के यहां दबिश डालने के लिए  पुलिस चौबेपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिकरू गांव पहुंची थी। पुलिस की भनक लगते ही बदमाशों ने रास्ता रोक दिया। इसके बाद जब पुलिस पहुंची, तो बदमाशों ने घर की छत से फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई और इसी मुठभेड़ के दौरान 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

शातिर अपराधी विकास दूबे

गौरतलब हो कि एसओ महेश यादव अपनी टीम के साथ सबसे आगे थे और जैसे ही हमला हुआ एसओ ने मोर्चा संभालने की कोशिश की, मगर बदमाश हावी हो गए। एसओ महेश यादव अपनी जान बचाने के लिए भागे और जाकर बाथरूम में छिप गए, यहीं से उन्होंने अपने थाने के एसएसआई को कॉल किया और पुलिस पर हुए हमले की पूरी जानकारी दी।

कानपुर एनकाउंटर के बाद की तस्वीर

बदमाशों द्वारा हुए हमले के जवाब में सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ महेश यादव ने मोर्चा लिया था। मगर, पुलिस को बदमाशों द्वारा इस तरह के हमले का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था और वे जवाबी हमले की तैयारी में नहीं थे। किंतु जब बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी, तो पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, मगर इस मुठभेड़ में बदमाशों की संख्या अधिक थी जबकि पुलिसकर्मी कम पड़ गए।

बदमाशों ने एसओ महेश यादव की पीठ छलनी कर दी

एसओ महेश यादव पर गोली लगते ही वे गिर पड़े। इसके बाद बदमाश एसओ के पास पहुंचे और औंधे मुंह पड़े महेश यादव की पीठ पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर पीठ छलनी कर दी। और फिर बदमाशों ने एसओ के शव को सिपाहियों के शव पर लाद दिया।

कानपुर एनकाउंटर के बाद की तस्वीर

बता दें कि इस पूरे मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के अलावा 6 अन्य पुलिस वाले जख्मी भी हुए हैं, इन्हें कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक एक पुलिसकर्मी की हालत नाजुक है।

इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी अवस्थी ने जानकारी दी है कि शातीर बदमाश और हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे पर 60 मुकदमे दर्ज हैं। कुछ दिनों पहले ही कानपुर के राहुल तिवारी नामक एक शख्स ने विकास पर धारा 307 का एक मुकदमा दर्ज कराया था। इसी सिलसिले में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए उनके गांव बिकरू गई थी।

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