बॉलीवुड

13 साल की उम्र में 30 साल बड़े शख्स से सरोज खान ने की थी शादी, शादी के बाद हुआ था बड़ा खुलासा

साल 2020 सिनेमा प्रेमियों के लिए लगातार दुख भरा ही साबित होता जा रहा है। इरफान खान, वाजिद खान, ऋषि कपूर और सुशांत सिंह राजपूत जैसे कलाकारों को खोने का गम कम भी नहीं हुआ था कि फैंस को एक और झटका लग गया। अपने इशारों पर दिग्गज कलाकारों को नचाने वाली डांसिंग डीवा सरोज खान नहीं रहीं। सरोज खान का 2 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में करीब 2 हजार गाने की कोरियोग्राफी  की थी। प्रोफेशनल लाइफ के अलावा उनकी पर्सनल लाइफ में भी कई तरह के उतार-चढ़ाव आए। आपको बताते हैं सरोज खान की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिसके बारे में उनके फैंस ज्यादा नहीं जानते होंगे।

30 साल बड़े गुरु से कर ली थी शादी

सरोज खान ने अपने कोरियोग्राफी स्किल से इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया और अपने सिग्नेचर स्टेप से फैंस का दिल जीता। हालांकि फिल्मों में आने से पहले सरोज खान बैकग्राउंड डांसर हुआ करती थी। उन्होंने 1950 के दशक में मशहूर कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली थी। इतना ही नहीं उसी दौरान दोनों ने शादी का फैसला कर लिया था। सबसे हैरान कर देने वाली बात ये थी की उस वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी और उनके गुरु उनसे 30 साल बड़े थे।

हालांकि सरोज को अपने गुरु से ही प्यार हो गया तो उन्होंने अपनी भावनाएं दबाई नहीं। उन्होंने सोहनलाल से शादी कर ली । उनका असली नाम निर्मला नागपाल था। अपनी शादी को लेकर सरोज खान ने कहा था कि शादी के दौरान वो स्कूल में पढ़ती थी और सोहन लाल उनके मास्टर थे। उन्होंने उनके गले में एक काला धागा बांध दिया, जिसे उस वक्त उन्होंने शादी मान लिया था।

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पिता ने बच्चों को नाम देने से किया था इनकार

सोहन लाल से शादी के कुछ समय बाद उनके बच्चे का जन्म हुआ। सरोज ने 1963 में एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम राजू रखा गया। इसके दो साल बाद उन्होंने 1965 में एक और बच्चे को जन्म दिया जिसकी आठ महीने बाद मौत हो गई थी।  सरोज को बच्चे के जन्म के बाद पता चला कि सोहनलाल पहले से शादीशूदा हैं और सरोज उनकी दूसरी पत्नी थीं। वहीं सोहन लाल ने उस बच्चे को अपना नाम देने से इनकार कर दिया।  इसके बाद दोनों अलग हो गए।

सोहन लाल ने सरोज खान के बच्चों को क्यों अपना नाम देने से मन किया इस का भी कहीं खुलासा नहीं है

सरोज खान की निजी जिंदगी में भुचाल आ गया था। पति ने बच्चों को नाम देने से इनकार कर दिया था और उन्होंने अपना दूसरा बच्चा भी खो दिया। हालांकि सरोज ने परिस्थितियों से हार नहीं मानी और सारी मुश्किलों का सामना किया। सरोज खान ने 1974 में फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ के गानों को कोरियोग्राफ किया। इसके बाद उन्होंने नगीना, मिस्टर इंडिया, तेजाब और चांदनी जैसी कई फिल्मों के गाने को कोरियोग्राफ किया। इसके चलते उन्हें कई तरह के अवॉर्ड और सम्मान मिले।

हीरोइनों को सिखाया डांस और फैंस का जीता दिल

सरोज खान ने अपने डांसिंग स्किल के बदौलत माधुरी, जुही, श्रीदेवी, करीना  जैसी हीरोइनों को जबरदस्त डांस करवाया था। इसके चलते उन्हें नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें भारत में मदर्स ऑफ डांस/ कोरियोग्राफी भी कहा जाने लगा था। 2002 में ‘देवदास’ के गाने डोला रे से सरोज खान ने धूम मचा दी थी। वहीं ‘जब वी मेट’ के गाने ये इश्क हाय के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।

आज सरोज खान हमेशा हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़ कर चली गईं। उनका अंतिम संस्कार मुंबई स्थित मलाड के मालवाणी में होगा जिसमें सिर्फ  20 लोगों को जाने की इजाजत होगी। सरोज खान के चले जाने से बॉलीवुड एक बार फिर गमगीन हो गया है। सितारों को समझ नहीं आ रहा कि उनसे दूर जाते इन सितारों के लिए वो क्या कहें। फैंस भी दुखी है कि उन्होंने एक ऐसे सितारे को खो दिया जिसने डांस की परिभाषा ही बदल दी थी। आज सरोज भले ही इस दुनिया में ना हो, लेकिन हमारे दिलों में डांसिंग मास्टर सरोज हमेशा जिंदा रहेंगी।

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