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पतंजलि की कोरोना दवा पर स्वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने तोड़ी चुप्पी, दवा को लेकर कही ये बात

योग गुरु बाबा रामदेव ने हाल ही में कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया था और बाबा रामदेव ने जल्द से जल्द ये दवा बाजार में लाने की बात भी कही थी। हालांकि इसी बीच आयुष मंत्रालय ने बाबा रामेदव की कोरोना दवा की बिक्री पर रोक लगा दी और इस दवा के विज्ञापनों को बैन कर दिया गया। आयुष मंत्रालय की और से दवा पर बैन लगाते हुए कहा गया था कि इस दवा को लेकर पंतजलि कंपनी की और से मंत्रालय से हरी झंड़ी नहीं ली गई है। साथ में ही मंत्रालय ने पंतजलि से दवा के परीक्षण से जुड़ी जानकारी भी मांगी थी। वहीं कोरोना की इस दवा को लेकर अब देश के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की और से भी एक बयान आया है।

किया जा रही है दवा की जांच

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पतंजलि की ‘कोरोनिल’ दवा के बारे में कहा है कि इस मामले की जांच आयुष मंत्रालय कर रहा है। मुझे मालूम चला है कि आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव से कोरोना की दवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली है। डॉ हर्षवर्धन ने एक न्‍यूज चैनल के साथ खास बातचीत में कहा कि व्यक्‍तिगत तौर पर मैंने पतंजलि की कोरोना की दवा का अध्‍ययन नहीं किया है। बाबा रामदेव की जो भी आयुर्वेदिक दवाइयां हैं। उनका अध्‍ययन आयुष मंत्रालय करता है। इसलिए बाबा की कोरोना दवा कोरोनिल के बारे में सटीक बयान और जानकारी आयुष मंत्रालय ही दे सकता है और मंत्रालय दवा की जांच कर रहा है।

गौरतलब है कि रामदेव ने 23 जून को एक प्रेस वार्ता करते हुए कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था। इस प्रेस वार्ता के दौरान रामदेव ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 की दवा तैयार कर ली है और एक हफ्ते में ही ये दवा बाजार में आ जाएगी। इस दवा के बारे में रामदेव ने दावा करते हुए कहा था कि ये दवा 7 दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण सही कर देती है। हालांकि इस प्रेस वार्ता के कुछ ही घंटों बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की कोरोना दवा को लेकर आपत्ति जाहिर की थी और पंतजलि कंपनी को तुरंत इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने को कहा था। साथ में ही इस दवा को बनाने से जुड़ी हर जानकारी भी मांगी थी।

दवा का दिया गया ब्योरा

आयुष मंत्रालय की और से जताई गई आपत्ति के बाद पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि हमने नैदानिक परीक्षण के सभी मानदंडों को शत-प्रतिशत पूरा किया है और कंपनी ने दवाओं की संरचना का विस्तृत ब्योरा आयुष मंत्रालय को भेज दिया है। मंत्रालय को भेजे गए 11 पन्ने के जवाब में दवा और परीक्षण मंजूरी संबंधी पूरा ब्योरा दिया गया है।

आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना की दवा के बारे में जानकारी देते हुए बताय था कि जनवरी महीने में इस दवा को बनाने का काम शुरू किया गया था। इस दवा को बनाने में केवल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का ही प्रयोग किया है। कोरोना की दवा का ट्रायल सफल रहा था। कोरोना की दवा का नैदानिक नियंत्रण अध्ययन दिल्ली, अहमदाबाद और मेरठ समेत कई शहरों में किया गया था। सांयोगिक नैदानिक परीक्षण  जयपुर आधारित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान में हुआ था।

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