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अगर उस दिन संजय गांधी मान लेते बड़े भाई राजीव गांधी की बात, तो बच जाती जान, जाने पूरा किस्सा

संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर 1946 में हुआ था। ये इंदिरा गांधी के छोटे बेटे थे। इन्हें राजनीति विरासत में मिली थी और इनके द्वारा ही कांग्रेस पार्टी का हर निर्णय लिया जाता था। लेकिन संजय गांधी का राजनीतिक सफर शुरू होते ही खत्म हो गया और इनकी मौत एक विमान हादसे में हो गई। कहा जाता है कि अगर ये अपने बड़े भाई राजीव गांधी की बात मान लेते तो शायद आज हमारे बीच जिंदा होते।

विमान उड़ाने का था शौक

संजय गांधी को विमान उड़ाने का काफी शौक हुआ करता था और ये समय-समय पर विमान उड़ाया करते थे। लेकिन 23 जून 1980 में जब ये विमान उड़ा रहे थे। तभी एक दर्दनाक हादसा हुआ और इस हादसे में इनकी मौत हो गई। दिल्ली के सफदरजंग फ्लाइंग क्लब में महीने भर पहले ही एक टू- सीटर विमान (पिट्स एस -2 ए) आया था और जब संजय गांधी को इस विमान के बारे में पता चला। तो उन्होंने इस विमान को उड़ाने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद ये 23 जून को सफदरजंग फ्लाइंग क्लब में ये विमान उड़ाने के लिए चले गए। 23 जून की सुबह एक पायलट के साथ संजय गांधी ने इस विमान को उड़ाया। लेकिन कुछ समय के बाद ही ये विमान क्रैश हो गया।

जिन लोगों ने ये हादसा होते हुए देखा उनके अनुसार संजय गांधी इस विमान को काफी खतरनाक तरीके से चला रहे थे और ये विमान काफी नीचे उड़ रहा था।

राजीव गांधी ने कई बार किया था आगह

राजीव गांधी खुद भी एक पायलट हुआ करते थे। उन्होंने संजय गांधी को कई बार आगह किया था कि वो सही तरह से विमान नहीं उड़ाते हैं। कहा जाता है कि संजय गांधी हमेशा कोलापुरी चप्पल पहनकर ही विमान को उड़ाया करते थे। ये चप्पल कॉकपिट में हवा का दवाब नहीं झेल पाती थी। लेकिन राजीव गांधी के लाख समझाने के बाद भी ये नहीं माने और जूतों की जगह चप्पल को पहनकर ही विमान उड़ाया करते थे।

इंदिरा गांधी से की गई थी संजय गांधी की शिकायत

जिस तरह से संजय गांधी विमान को उड़ाया करते थे। उसको लेकर कई बार इंदिरा गांधी से अधिकारियों ने शिकायत भी की थी। लेकिन संजय गांधी अपनी मां की एक नहीं सुना करते थे।

विनोद मेहता ने अपनी किताब ‘द संजय स्टोरी’ में इस बात का खुलासा किया हुआ है कि संजय गांधी के साथ जो कुछ भी हुआ उसकी आशंका पहले से ही थी। क्योंकि ये काफी खतरनाक तरह से विमान को उड़ाया करते थे।

इंदिरा गांधी ने ली थी संजय गांधी की तलाशी

संजय के साथ हुए हादसे की खबर जैसे ही इंदिरा गांधी को मिली वो फौरन मौके पर पहुंच गई। वहीं मौके पर मौजूद पत्रकारों के अनुसार इंदिरा गांधी संजय गांधी के शव की तलाशी ले रही थी और उनकी जेब में कुछ खोज रही थी। ऐसा माना जाता है कि इंदिरा गांधी संजय गांधी के बैंक लॉकर की चाबी ढूंढ रही थी। इस घटना का जिक्र जाने माने पत्रकार तलवनी सिंह ने अपनी किताब “दरबार’ में किया हुआ है।

संजय गांधी की मौत को लेकर उठे कई सवाल

संजय गांधी की मौत विमान हादसे में हुई थी। लेकिन उनकी मौत को लेकर कई सारे सवाल आज भी उठते हैं और कहा जाता है कि उनकी मौत एक प्लान के तहत की गई थी।

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