बॉलीवुड

सुशांत का अंतिम संस्कार देख हिल गए विवेक ओबेरॉय, कहा- बेटे को मुखाग्नि देते हुए पिता..

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का 15 जून सोमवार को मुंबई के विले पार्ले श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.  पिता केके सिंह और बहनों ने नम आँखों से उन्हें मुखाग्नि दी. लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार में करीब 25 लोग शामिल हुए. इस दौरान सुशांत के पिता और बहनों के अलावा चचेरे भाई विधायक नीरज सिंह बबलू भी मौजूद थे. इसके साथ ही फिल्म इंडस्ट्री से कृति सेनन, श्रद्धा कपूर, राजकुमार राव, सुनील शेट्‌टी, वरुण शर्मा, रिया चक्रवर्ती और विवेक ओबेरॉय समेत अन्य सितारें भी आए थे.

अंतिम संस्कार से लौट भावुक हुए विवेक

अभिनेता विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) जब सुशांत के अंतिम संस्कार से लौटे तो बेहद भावुक हो गए. उन्होंने अपने वहां के अनुभव और दर्द को साझा करने के लिए बॉलीवुड के नाम एक खुला पत्र (ओपन लेटर) लिखा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि – “आज सुशांत की अंतिम यात्रा में शामिल होना दिल तोड़ देने वाला अनुभव था. काश मैं उनसे अपने निजी अनुभव शेयर कर उनका दर्द कम कर पाता. मैं खुद इस दर्द के सफ़र से होकर र्गुजर चूका हूँ. अकेलापन बहुत तकलीफभरा होता है. लेकिन आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है

पिता का दर्द असहनीय

वे आगे लिखते हैं – “काश वो थोड़ी देर रुकता और सोचता कि उसके जाने से परिवार, दोस्तों और करोड़ों फैंस को कितना बड़ा नुकसान होगा. उसे एहसास होता कि लोग उसकी कितनी परवाह करते हैं. जब आज मैंने उनके पिता को बेटे की चिता को आग देते हुए देखा तो उनकी आँखों का दर्द असहनीय था. उनकी बहन को रोते हुए ये कहते सुना कि प्लीज वापस आ जाओ, मैं बता नहीं सकता तब कितना गहरा दुख महसूस हुआ.

बॉलीवुड को किया टारगेट

इसके बाद विवेक ने फिल्म इंडस्ट्री को मैसेज देते हुए लिखा – “उम्मीद करता हूँ कि खुद को परिवार कहने वाली इंडस्ट्री इस घटना का सीरियस होकर अवलोकन करेगी. अब हमें अच्छे के लिए बदलना होगा. अपना दिल बड़ा करना होगा, अहंकार कम करना होगा और टेलेंट से भरे लोगो को अहमियत देनी होगी. इस परिवार को एक असली परिवार बनना होगा. एक ऐसी जगह जहाँ टेलेंट आगे बढ़े ना कि कुचला जाए. एक ऐसी जगह जहाँ आर्टिस्ट मोटिवेट हो नाकि डीमोटिवेट. ये हम सभी के लिए एक वेकअप कॉल है.

हम तुम्हें डिजर्व ही नहीं करते थे

विवेक अंत में कहते हैं – “मैं हमेशा हँसते रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत को मिस करूँगा. भगवान से प्रार्थना करूंगा कि वो तुम्हारा सारा दर्द ले ले. इस मुश्किल घड़ी में तुम्हारे परिवार को शक्ति दे. प्रार्थना करता हूँ कि तुम अब एक बेहतर जगह होंगे. शायद हम तुम्हें डिजर्व ही नहीं करते थे.”


गौरतलब है कि 34 वर्षीय सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर में खुदखुशी कर ली थी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भी मौत का कारण दम घुटना बताया गया है. कहा जा रहा है कि सुशांत पिछले कुछ समय से डिप्रेशन से गुजर रहे थे. पुलिस को उनके कमरे से डिप्रेशन की कुछ दवाइयां भी मिली थी. जानकारी के मुताबिक सुशांत की अस्थियों को उनका परिवार पटना ले जाकर गंगा नदी में विसर्जित करेगा. चचेरे भाई भाई नीरज के अनुसार वे लोग पटना में ही अंतिम संस्कार करना चाहते थे लेकिन कोरोना की वजह से उन्हें प्रशासन ने अनुमति नहीं दी.

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