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परमाणु बम का उपयोग सिर्फ तबाही के लिए ही नहीं बल्कि भलाई के लिए भी हुआ है, जानकर हो जायेंगे हैरान!

परमाणु बम का नाम आते ही लोग दहशत से भर जाते हैं। आखिर डरें भी क्यों नहीं! जहां भी परमाणु बम गिरा, वहां आज भी लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के समय हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था। आज कई सालों के बाद भी वहां तबाही के मंजर साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। परमाणु बम इतना खतरनाक होता है कि यह जहां गिरता है, वहां तो सबकुछ खत्म हो ही जाता है, इसके साथ ही इसके रेडियेशन से काफी दूर तक तबाही होती है।

किसी भी तरह के जीवन को नष्ट कर देता है रेडियशन:

इसका रेडियशन कई सालों तक मौजूद रहता है और किसी भी तरह के जीवन को नष्ट कर देता है। हालांकि हमेशा परमाणु बम का उपयोग तबाही के लिए ही नहीं किया गया। कुछ जगहों पर मानव की भलाई के लिए भी परमाणु बमों का उपयोग किया गया। यकीनन आप सुनकर चौंक गए होंगे कि परमाणु बम से भलाई का क्या लेना देना है। लेकिन जी हां, परमाणु बमों का उपयोग भलाई के कामों के लिए भी किया गया है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद शुरू हुई थी परमाणु परीक्षणों की होड़:

दरअसल ऐसे ही कुछ धमाके सोवियत यूनियन के कजाकिस्तान में तालाब बनाने और नहरों के निर्माण के लिए किये थे। लेकिन ये प्रयोग असफल साबित हुए थे। इसका ताजा उदाहरण कजाकिस्तान की चिगार नदी के पास बना तालाब है, जो परमाणु धमाके से बनी थी। परमाणु परीक्षणों की होड़ दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही शुरू हो गयी थी। खासतौर से यह होड़ अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच सबसे ज्यादा थी। शीत युद्ध के समय एक दूसरे को अपनी शक्ति दिखाने के लिए कई परमाणु बमों का परिक्षण किया गया। इसी समय यह भी सोचा गया कि क्या परमाणु बम से इंसानों की भलाई का भी काम किया जा सकता है।

आज भी जहरीला है तालाब का पानी:

इसका सबसे पहला प्रयोग 15 जनवरी 1965 में कजाकिस्तान में चिगार नदी के पास किया गया। पहले इस जगह पर 150 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और उसमें परमाणु बम रखकर विस्फोट किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि यह 150 फीट गहरा गड्ढा 350 फीट गहरे और 500 फीट चौड़े गड्ढे में बदल गया। कुछ सालों तक यहां रेडियशन की वजह से कोई काम नहीं किया जा सका लेकिन बाद में इस तालाब में पानी भर दिया गया। पानी भरने के बाद भी रेडियशन की वजह से पूरे तालाब का पानी जहरीला ही रहा। आज भी इस तालाब का पानी किसी के पीने के लायक नहीं है।

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