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खुल गई केजरीवाल सरकार के दावों की पोल, कोरोना मरीज़ों को नहीं मिल पा रहा है बेड

दिल्ली में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसी स्थिति में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ये दावा कर रही है कि कोरोना मरीजों के लिए बेड खाली पड़े हैं, मगर आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के इस दावे की सच्चाई ठीक इसके उलट है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कोरोना के टेस्ट को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिससे मरीज समेत डॉक्टर्स भी परेशान हैं।

अस्पताल के बाहर गई कोरोना मरीज की जान

दिल्ली बॉर्डर सील है ताकि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लवासियों का इलाज हो सके, मगर सच्चाई ये है कि दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली के लोगों के लिए ही जगह नहीं है। कल दिल्ली के लोक नायक अस्पताल से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसमें कोरोना मरीज ने अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया। इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन ने सफाई दी है कि मरीज को मृत हालत में ही अस्पताल लाया गया था। दूसरी तरफ परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया।

ऐप में दी जा रही गलत जानकारी, मरीज हो रहे परेशान

हाल ही में दिल्ली सरकार ने ऐप लॉन्च किया है, जिसमें अस्पतालों में उपलब्ध बेड की जानकारी दी जाएगी। मगर, इस ऐप की जानकारी जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। दिल्ली के बी एल कपूर हॉस्पिटल के सामने खड़े एक कोरोना पॉजिटीव मरीज के परिजनों का कहना है कि ऐप में बताया जा रहा है कि अस्पताल में 93 बेड खाली हैं लेकिन यहां अस्पताल वालों का कहना है कि कोई भी बेड खाली नहीं है।

वहीं एक दूसरे मरीज के भाई ने बताया कि मेरे भाई का कोरोना टेस्ट पॉजिटीव आया है, लेकिन उसे उपचार नहीं मिल रहा है। मैंने हेल्प लाइन पर कॉल किया, तो उन्होंने कहा हमारे पास बहुत मरीज हैं हम आपके घर टीम भेजेंगे, मगर 3 दिन के बाद भी कोई टीम नहीं आई। अब अस्पताल आया हूँ, तो यहां कह रहे हैं कि कोई बेड खाली नहीं है।

दूसरी बड़ी चुनौती दिल्ली सरकार की नई गाइडलाइंस

दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक नई गाइडलाइंस जारी की है। इस नए गाइडलाइंस ने डॉक्टरों के साथ साथ मरीजों की मुसबीतों को भी बढ़ा दिया है। अस्पताल में कोरोना का टेस्ट कराने आए एक शख्स का कहना है कि मेरे पिता बुजुर्ग हैं और उनमें कोरोना के लक्षण मिले हैं, मगर यहां मुझे कहा जा रहा है कि अभी बहुत सारे टेस्ट होने हैं। अस्पताल ने मुझसे कहा है कि आप 7 तारीख को आना, जबकि मेरे पूरे परिवार में कोरोना के लक्षण हैं और टेस्ट करने से मना किया जा रहा है।

दिल्ली सरकार के नए गाइडलाइंस के अनुसार सिर्फ उनका कोरोना टेस्ट होगा, जिनमें

  1. कोरोना के लक्षण हों
  2. पिछले 2 सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हो
  3. कोविड19 मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों का
  4. सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मरीज हों।
  5. कटेंनमेंट जोन में मौजूद कर्मचारियों का।
  6. कंटेनमेंट वार्ड में रहने वाले वे लोग जिनमें लक्षण हो।

दिल्ली सरकार से दिल्ली मेडिकल एसोशिएसन की अपील

सरकार के नए गाइडलाइंस से डॉक्टरों की परेशानी में इजाफा हुआ है। बता दें कि दिल्ली मेडिकल एसोशिएशन ने दिल्ली सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उन्हें कोविड19 टेस्ट करने की छूट दी जाए। हॉस्पिटल में कई तरह के मरीज रोज आते हैं और ये जरूरी नहीं है कि हर मरीज में कोरोना के लक्षण मिलें। ऐसे में अगर हम टेस्ट नहीं करेंगे, तो दिल्लीवासियों के लिए ये खतरनाक होगा।

दिल्ली मेडिकल एसोशिएसन के अध्यक्ष डॉ बीबी वाधवा ने दिल्ली सरकार से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना टेस्टिंग के लिए डॉक्टरों को आजादी दें। मरीजों का टेस्ट करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर हम इस बात का इंतजार करेंगे कि मरीजों में लक्षण दिखें, तभी हम उनका कोरोना टेस्ट करेंगे, तो बाद में कोरोना को संभाल पाना बहुत कठिन हो जाएगा।

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