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नीतीश की दुल्हन देखकर गांव वालों हो गए भावुक, रुला देगी इनकी प्रेम कहानी

नीतीश और सीता की शादी उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो एक दूसरे को किसी कमी के लिए छोड़ जाते हैं

प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है जिसे परिभाषित नहीं किया जा सकता बस दो लोगों के बीच सिर्फ महसूस किया जा सकता है। जब दो लोग सच्चा प्यार करते हैं तो वो जाति-धर्म, रंग-रुप नहीं देखते। उनके मन में एक दूसरे की कमी भी नहीं दिखती। कुछ दिखता है तो बस सामने वाले  के अंदर अपने लिए प्यार। प्यार की ऐसी ही एक खूबसूरत कहानी पटना के दरभंगा में देखने को मिली जहां ट्राइसाइकिल पर दुल्हन की एक लड़के से शादी हुई। इस शादी की वजह कोई मजबूरी नहीं बल्कि उनके बीच का प्यार था।

दुनिया के सामने पेश की मिसाल

ये अनोखी प्रेम कहानी है दरभंगा जिले के नीतीश और सीता की। सीता के पांव नहीं है और उसे ट्राइसाइकिल का सहारा लेना पड़ता है। जहां पूरी तरह से स्वस्थ्य लड़कियों के भी देखकर लड़के शादी के लिए रिजेक्ट कर देते हैं वहां सीता भी शादी-विवाह के ख्यालों से खुद को दूर कर चुकी थी। हालांकि उसे नहीं पता था कि उसके जीवन में एक ऐसा जीवनसाथी आने वाला है जिसे उससे शरीर से नहीं बल्कि उसकी आत्मा से प्यार हो जाएगा।

ट्राइसाइकिल से सफर तय करने वाली सीता पर नीतीश अपना दिल हार गया। उसने तय कर लिया कि वो सीता से ही शादी करेगा। इसके बाद उसने सीता से शादी रचा भी ली। सीता से शादी करके नीतीश ने ना सिर्फ अपने प्यार को अंजाम दिया बल्कि समाज के लिए एक ऐसी मिसाल पेश की जिसे दुनिया देखती रह जाएगी।

ऐसे हुई थी प्यार की शुरुआत

दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत भी बड़े ही प्यारे तरीके से हुई। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान की रहने वाली सीता की बड़ी बहन की शादी बिरौल के पोखराम गांव में हुई। बड़ी बहन के बाद सीता घर में अकेला महसूस करते थे इसलिए मन बहलाने के लिए वो कभी-कभी अपने बहन की ससुराल पोखराम जाया करती थी।जैसे  किस्मत ने भी तय कर लिया था कि नीतीश और सीता एक हो जाएं। बिरौल प्रखंड के रसलपुर का रहने वाला नीतीश भी अपने मामा के घर पोखराम जाया करता था। वहीं दोनों की एक दूसरे से मुलाकात होने लगी। ये मुलाकात फिर दोस्ती में बदल गई और दोस्ती बदल गई प्यार में।

प्यार की बात आगे बढ़ी और दोनों ने तय कर लिया की वो शादी कर लेंगे। शादी के लिए दोनों ने अपने परिवार वालों से बातें की और परिवार भी इनकी शादी के लिए मान गए। इसके बाद गुरुवार को दोनों ने भगवान को साक्षी मानकर और परिवार वालों की इच्छा के साथ रीति-रिवाद से शादी कर ली। सीता दुल्हन के जोड़े में ट्राइ साइकिल से मंदिर पहुंची।

ट्राइसाइकिल पर संपन्न हुआ विवाह

इसके बाद ट्राइसाइकिल पर बैठे ही नीतीश ने अपनी दुल्हन को वरमाला पहना दी। साथ ही सीता की मांग में अपने नाम का सिंदूर डालकर उसे हमेशा के लिए अपना बना लिया। शादी के वक्त परिवार वाले और गांव के लोग मौजूद थे। सीता ने कहा कि वो अपनी शादी को लेकर बहुत खुश है और उसका आगे का जीवन आसान हो गया। प्यार का दावा करके साथी को बीच रास्ते में छोड़ जाने वाले लोगों को इस प्रेम कहानी से सीख लेना चाहिए कि जब प्यार सच्चा हो तो कोई कमी भी आपको एक होने से रोक नहीं सकती। शादी करने के लिए मन साफ और प्यार से भरा होना चाहिए फिर कोई काम मुश्किल नहीं होता और प्यार की राहें भी आसान हो जाती हैं।

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