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भारत चीन सीमा पर चाहे कितना बढ़ जाए विवाद, दोनों देश के सैनिक नहीं उठा सकते बंदूक, जानें क्यों

भारत चीन सीमा पर सैनिक कंटीले तार एवं डंडे तो मार सकते हैं, लेकिन कोई सैनिक गोली नहीं चला सकता है

भारत और चीन देश के बीच अक्सर सीमा विवाद होता रहता है और दोनों देशों की सेना के बीच झड़पों की खबरें भी आती रहती हैं। लेकिन भारत और चीन की सेना ने कभी भी एक दूसरे पर फायरिंग नहीं की है। सीमा पर चाहे कितना विवाद बढ़ जाए इन दोनों देशों की सेना एक दूसरे पर फायरिंग नहीं कर सकती हैं। दरअसल भारत और चीन देश के बीच एक समझौता हो रखा है। समझौते के तहत चाहे सीमा में कितना ही मतभेद क्यों ना हो लेकिन बॉर्डर पर इन दोनों देशों को उत्तेजना पर काबू रखना होगा। इस समझौते के तहत चीन और भारत एक दूसरे पर फायरिंग नहीं कर सकते हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था ये समझौता

भारत और चीन के बीच हुआ ये समझौता तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। अटल बिहारी वाजपेयी जब चीन गए थे तो उस दौरान दोनों देशों ने आधारभूत राजनीतिक मापदंड तय किए थे। दोनों देशों के बीच ये तय किया गया था कि फ्रंटलाइन पर जो भी सैनिक तैनात होंगे, उनके पास कोई भी हाथियार नहीं होगा। अगर अफसरों के पास बंदूक होगी तो उसकी नोजल जमीन की तरफ होगी। अटल बिहारी वाजपेयी के समय पर हुए इस समझौते को पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी दोहराया गया था।

चल रहा है सीमा को लेकर तनाव


भारत और चीन देश के बीच इस समय लद्दाख के गलवान नदी इलाके में तनाव चल रहा है। चीन भारत के हिस्से पर कब्जा करने की कोशिश कर रह है। दरअसल चीन देश के सैनिकों ने पिछले कुछ सप्ताह में करीब 5 हजार सैनिक वास्तविक नियंत्रण सीमा के करीब तैनात किए हैं और ये भारतीय सीमा के अंदर तक घुस आए हैं। जिसकी वजह से भारत और चीन की सेना के बीच झड़प भी हो रखी है। लेकिन इसके बावजूद सैनिकों ने समझौते के मापदंड को याद रखा है।

स्टैंडिंग आर्डर्स का कर रहे हैं पालन

सेना को स्टैंडिंग ऑर्डर्स का पालन करने को कहा गया है यानी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं कर सकती है। ताकि दोनों देशों के बीच शांति बनी रहे।

बातचीत की कि पेशकश

चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा कर लिया है। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस सीमा विवाद के कारण ही साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। वहीं अब फिर से इस सीमा को लेकर चीन तनाव पैदा कर रहा है। हालांकि भारत का कड़ा रूख देखते हुए चीन देश ने अब बातचीत के जरिए इस मसले को हल करने की पेशकश की है।

3488 किमी की है सीमा रेखा

भारत चीन देश के साथ 3488 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा सांझा करता है। भारत के कई सारे राज्य चीन देश की सीमा से लगे हुए हैं जो कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश है। ये सीमाएं तीन सेक्टरों में बंटी हुई है। जो कि पश्चिमी सेक्टर जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर हिमाचल प्रदेश और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश हैं। इन तीनों सेक्टरों पर चीन की और से तनाव पैदा किया जा रहा है।

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