अध्यात्म

मानसून आने से पहले ही इस मंदिर की छत से टपकने लग जाता है पानी, 5-7 दिन में हो जाती है बारिश

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मंदिर है जो कि मानसून कब आने वाला है इसकी भविष्यवाणी करता है। इस मंदिर का नाम पद्मनाभ मंदिर है और ये एक प्राचीन मंदिर है। पद्मनाभ स्वामी का ये मंदिर कानपुर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेहटा बुर्जुग में है। इस मंदिर के पुजारियों के अनुसार मानसून आने से पहले इस मंदिर की दीवारों से पानी आने लग जाता है ।

पुजारियों के मुताबिक मानसून आने से पहले ही मंदिर की छत से पानी की बूंदें टपकने लग जाती हैं और ये बूंदें टपकने के 5 से 7 दिनों के अंदर ही बारिश होने लग जाती है। इतना ही नहीं मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों से इस चीज का भी अंदाजा लग जाता है कि मानसून कैसा रहने वाला है और मानसून में कितनी तेज बारिश होने वाली है।

मंदिर के पुजारी केपी शुक्ला ने अनुसार ये मंदिर भगवान जगन्नाथ का है और मंदिर की छत पर मानसून पत्थर लगा गया है। इस पत्थर से अगर ज्यादा बूंदें टपकती हैं तो ज्यादा बारिश होती है। वहीं कम बूंदें टपकने पर कम बारिश होती है। पुजारी के अनुसार, हो सकता है कि ये मंदिर बनाते समय इस चीज का ध्यान रखा गया होगा और इस मंदिर की दीवारों को इस तरह से बनाया हो कि बारिश होने से पहले ही इनसे पानी टपकने लग जाए। जिस पत्थर से पानी टपकता है उसे मानसून पत्थर कहा जाता है जो कि मंदिर के गर्भगृह की छत पर लगा हुआ है

एक हजार साल पुराना है मंदिर

भारत के इस अद्भुत मंदिर का निर्माण एक हजार साल पहले हुआ था। इस मंदिर को बेहद ही सुंदर तरीके से बनाया गया है और इसकी दीवारे 15 फीट चौड़ी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, लखनऊ के सीनियर सीए मनोज वर्मा के अनुसार ये मंदिर कई बार टूटा और बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण  9वी-10वीं सदी के आसपास किया गया था। मंदिर को बनाने में चूना-पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर की दीवार से पानी आने पर कई सारी रिसर्च की जा चुकी हैं और इन रिसर्च के अनुसार बारिश से पहले मौसम में उमस बढ़ने लग जाती हैं और इस उमस के कारण ही चूना वातावरण से नमी ग्रहण कर लेता है। ये नमी पत्थर तक पहुंचती है और पत्थर से पानी की बूंदें बनकर टपकने लग जाती है ।

तीन भागों में बांटा गया है ये मंदिर

इस मंदिर को तीन भागों में बनाया गया है और इस मंदिर में भगवान विष्णु के 24 अवतारों की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में पद्मनाभ स्वामी की पूजा की जाती है। पद्मनाभ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था इसको लेकर मतभेद जारी हैं और इसके बारे में किसी के पास भी सटीक जानकारी नहीं है। वहीं मंदिर में लगाई गई एक मूर्ति को लेकर भी मतभेद हैं। दरअसल मंदिर में प्रवेश करते समय दक्षिण में एक विशेष मूर्ति लगाई गई है। जिसे कुछ लोग विष्णु भगवान की मूर्ति मानते हैं जबकि कुछ लोग इसे शिव जी की मूर्ति कहते हैं। ऐसा में माना जाता है कि ये मूर्ति दो हजार पुरानी है।

Back to top button