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कुछ घंटे पहले जन्मी बच्ची पर भी नहीं आया आतंकियों को तरस, चला दी गोलियां, लेकिन हुआ एक चमत्कार

रक्खे राम तो भक्खे कौन? कहावत एक नवजात बच्ची के संबंध में बिल्कुल सही साबित हुई है। ये चमत्कार अफगानिस्तान में हुआ है। जहां मानवता के सबसे बड़े दुश्मन आतंकवादियों ने एक नवजात बच्ची, जिसका जन्म मात्र 3 घंटे पहले हुआ था, उस पर 2 बार गोलियां चलाईं, लेकिन उस बच्ची के साथ साक्षात ईश्वर थे, इसलिए उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सका। यह चमात्कारिक घटना अफगानिस्तान के काबुल में उस समय हुई, जब काबुल के मैटरनिटी हॉस्पिटल में कुछ आतंकियों ने हमला बोल दिया। आतंकियों के इस हमले में 24 लोगों की दर्दनाक मौत हुई है। इसमें कई बच्चों की मांएं, हॉस्पिटल के नर्स और 2 नवजात बच्चे भी शामिल हैं। वहीं एक नवजात बच्ची जिसने 3 घंटे पहले ही दुनिया में कदम रखा था, वो बच गई। हालांकि इस बच्ची की मां आतंकियों के हमले में मारी गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया के सबसे क्रूर आतंकी संगठन ISIS के तीन आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के राजधानी काबुल के मैटरनिटी हॉस्पिटल में हमला किया था। आतंकवादियों ने हॉस्पिटल में घुसते ही बम फेंकने शुरू कर दिए और साथ ही गोलियां भी चलाईं। आतंकवादियों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। आतंकवादियों के इस हमले के चपेट में एक नवजात बच्ची भी आ गई और उस बच्ची के पैर में दो गोलियां लगीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस क्रूर और भयानक आतंकी हमले में 24 लोगों ने अपनी जान गंवाई और नवजात बच्ची के साथ 15 अन्य लोग घायल हो गए। सुखद खबर ये रही कि नवजात बच्ची का डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया और उसे बचा लिया।

पिता ने बच्ची का नाम मां के नाम पर रखा

नवजात बच्ची को काबुल के इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है, जबकि बच्ची की मां नाजिया का हमले में निधन हो गया। इसके बाद पिता रैफुल्ला ने अपनी बच्ची का नाम नाजिया रखा है। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने बताया कि नाजिया के पैर से गोलियां निकाल दी गई हैं और वह जब बड़ी हो जाएगी तो आराम से चल सकेगी। वहीं 20 नवजात बच्चे, जिन्होंने अपनी मांओं को खो दिया, उन्हें एक अफगानी मां दूध पिलाएंगी।

नांगरहर में भी ISIS का हमला

राजधानी काबुल के अलावा अफगानिस्तान के अन्य हिस्सों में भी इन दिनों हिंसा की आग भड़की है। अफगानिस्तान के ही नांगरहर प्रांत में एक शोक सभा पर फिदायीन हमला हुआ और उसने खुद को उड़ा लिया। इस फिदायीन हमले में 21 लोगों की मौत हो गई और 55 गंभीर रूप से घायल हुए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नांगरहर प्रांत इस्लामिक स्टेट का गढ़ कहा जाता है।

भारत सरकार ने की हमले की निंदा

भारत सरकार ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के मैटरनिटी हॉस्पिटल में हुए आतंकी हमले की आलोचना की है। भारत ने कड़े शब्दों के साथ कहा है कि इस तरह से मासूम और बेगुनाह लोगों पर हमला किसी भी हाल में जायज नहीं है। काबुल के अस्पताल और नांगरहर की शोक सभा में हुए आतंकी हमले में कई नवजात बच्चों समेत महिलाओं की मौत हो गई हैं। भारत ने कहा है कि ऐसे हमले इंसानियत के खिलाफ घोर अपराध की श्रेणी में आते हैं। भारत सरकार उन परिवारों के लिए सहानुभूति रखती है, जिन्होंने इन आतंकी हमले में अपने लोगों को खोया है। साथ ही भारत ने घायल और पीड़ित लोगों के जल्द स्वस्थ हो जाने की भी कामना की है।

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