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12 साल बाद भी नहीं सुलझ सका देश का सबसे सनसनीखेज आरूषि हत्याकांड, CBI भी हो चुकी है फेल

आरूषि हेमराज हत्याकाण्ड देश का सबसे जघन्य और रहस्यमयी हत्याकांड था। आज इस हत्याकांड को 12 साल हो गए, लेकिन अब भी इस पूरे मामले की गुत्थी नहीं सुलझाई जा सकी है। यह केस अभी तक अनसुलझा है। एक सवाल जो न सिर्फ देश बल्कि दुनिया अब भी पूछ रही है कि, 15-16 मई 2008 की रात को वह कौन था जिसने आरूषि और हेमराज की हत्या की थी? इस केस को आज 12 साल पूरे हो चुके हैं, तो आइये जानते हैं क्या था ये पूरा केस..

15-16 मई की रात हुआ आरूषि-हेमराज हत्याकांड

16 मई 2008 को आरूषि की हत्या का पता चला, जब घरेलू सहायिका आरूषि के रूम पर काम करने लिए पहुँची, तो वहां सहायिका को आरूषि का शव मिला। वह कमरे में शव देखते ही चिल्ला उठी, और चीखते हुए राजेश-नुपूर के रूम तक पहुँची। इसके बाद मामला आगे बढ़ा और माना गया कि, आरूषि की हत्या घरेलू सहायक हेमराज ने की है। और हेमराज आरूषि की हत्या करके नेपाल फरार हो गया है।

राजेश-नुपूर के घर नोए़डा पुलिस पहुँची, तो वहां राजेश-नुपूर ने बताया कि आरूषि की हत्या करके हेमराज फरार हो गया है। उनकी बात नोएडा पुलिस ने मान ली, क्योंकि राजेश और नुपूर नोएडा के जाने माने डेंटिस्ट थे। इसलिए इनका मामला सामने आते ही, ये मामला पूरा हाई प्रोफाइल बन गया। राजेश-नुपूर ने बताया कि, आरूषि का मर्डर हेमराज ने किया है इस बात पर भरोसा करके नोएडा पुलिन की टीम हेमराज की तलाश में नेपाल चली गई।

24 घंटे के भीतर डबल मर्डर में तब्दील

आरूषि हत्याकांड के 24 घंटे बाद ही इम मामले में नया मोड़ तब आया, जब नोएडा पुलिस को 24 घंटे बाद राजेश-नुपूर के घर के छत से हेमराज का शव मिला। अब तक पुलिस हेमराज को हत्यारा मान कर चल रही थी, 24 घंटे बाद उसके शव मिलने से ये पूरा मामला डबल मर्डर का बन गया। हेमराज के शव मिलने के बाद पूरी जांच की प्रक्रिया 360 डिग्री घूम गई। जिसे पुलिस और पूरा देश हत्यारा मान कर चल रही थी, वो खुद पीड़ित निकला। देश की मीडिया अब इस पूरे मामले में नोएडा पुलिस की भूमिका को भी शक के दायरे में लाने लगी।

नोएडा पुलिस ने इस पूरे हत्याकांड के 2 दिन बाद यानी 18 मई को बताया कि, हत्या सर्जिकल ब्लेड से हुई है। और फिर इस पूरे मामले का दोष राजेश-नुपूर पर चला गया। हालांकि इसके 5 दिन बाद यानी 23 मई को नोएडा पुलिस ने राजेश तलवार को डबल मर्डर केस के आरोप में हिरासत में ले लिया।

सीबीआई के पास पहुँचा मामला

उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने आरूषि हेमराज हत्याकांड के पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने जांच शुरू की और हत्या के सिलसिले में सीबीआई ने राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने आरूषि-हेमराज हत्याकांड का पूरा शक तलवार दंपत्ति पर जताया। और 29 दिसबंर 2010 को सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट सौंपी। क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने तलवार दंपत्ति को आरोपी बताया और तीन घरेलू सहायकों को क्लीन चीट दे दी।

राजेश-नुपूर को सीबीआई अदालत ने दी उम्रकैद की सजा, HC ने किया बरी

आरूषि और हेमराज हत्याकांड के दोषियों के लिस्ट में आरूषि के माता पिता, नुपूर और राजेश तलवार भी थे। नुपूर और राजेश तलवार पर केस फाइल हुई। और जांच के 5 साल बाद साल 2013 में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने राजेश-नुपूर को उम्र कैद की सजा सुनाई। वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि, सीबीआई जांच में कई तरह की खामियां हैं। और जांच में कमियों को गिनाते हुए, राजेश-नुपूर को बाइज्जत बरी कर दिया गया। ऐसे में अब भी इस राज से पर्दा हटना बाकी है कि, आखिर आरूषि-हेमराज की हत्या किसने की?

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