
नोटबंदी की आलोचना करने वालों के मुंह पर तमाचा, टैक्स के रूप में सरकार को हुआ 6000 करोड़ रुपए का लाभ
जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की है, तब से ये बहस का विषय बना हुआ है कि नोटबंदी से देश को नुकसान हुआ है या फायदा. हालांकि एक तरफ सरकार नोटबंदी को देश के लिए फायदेमंद साबित करती रही तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे देश के लिए नुकसानदेह मानता रहा. मगर अब जो खबर सामने आ रही है उससे न सिर्फ सरकार का मनोबल बढ़ेगा बल्कि नोटबंदी के विरोधियों की बोलती बंद हो जाएगी. जी हां! नोटबंदी की घोषणा के बाद केंद्र ने अघोषित कैश डिपॉजिट पर टैक्स के रूप में तकरीबन 6000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
6000 करोड़ रुपये का हुआ लाभ:
दरअसल देश में नोटबंदी से सरकार के फायदा हुआ या नुकसान इस बात का पर्दाफाश हो गया है. कालेधन के खिलाफ बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) के वाइस चेयरमैन जस्टिस अरिजित पसायत ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार को नोटबंदी से करीब 6000 करोड़ की आमदनी हुई है. हालांकि, उन्होंने ये उम्मीद जताई की ये संख्या बढ़ भी सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को बैन कर दिये जाने के बाद टैक्स अधिकारियों ने उन लोगों से ब्यौरा मांगा था, जिन्होंने बड़ी मात्रा में अपने या दूसरों के खातों में कैश जमा करवाया था. हालांकि, कई लोग सजा के डर से अपनी अघोषित आय पर 60 फीसदी जुर्माना देने को तैयार हो गये थे. मगर अब उसे बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया है.
कालेधन की लड़ाई में बड़ी कामयाबी:
गौरतलब है कि कालेधन के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया गया है, जिनमें ईडी, सेंट्रल बोर्ड और डायरेक्ट टैक्स, सीबीआई और अन्य एजेंसियां भी शामिल हैं.
जस्टिस अरिजित के मुताबिक, नोटबंदी के पहले चरण में कालेधन के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें 50 लाख या उससे अधिक जमा करने वालों पर नजर रखी गई थी. जिसके बाद ईमेल और एसएमएस के जरिये इन जमाकर्ताओं को सूचना भेजी गई. कई लोग तो सजा से बचने के लिए टैक्स देने को तैयार हो गये.
अगर कालेधन के खिलाफ ऐसे ही अभियान चलता रहा तो देश को बहुत बड़ा लाभ होगा और टैक्स चोरी करने वालों के लिए एक बड़ा सबक.