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केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से की अपील, कहा- ‘पूरी दिल्ली रेड जोन नहीं हो सकती’

दिल्ली एक अकेला राज्य है जिस के सभी जिले रेड जोन पर हैं जो केजरीवाल सरकार की विफलता दिखाते हैं

देश में लॉकडाउन के तीसरे चरण की घोषणा हो चुकी है, जिसके बाद अब देशव्यापी तालाबंदी 17 मई तक जारी रहेगी,  लेकिन पूरे देश को तीन जोन (रेड, ग्रीन, ऑरेंज) में बांटा गया है। इसी अनुसार, ग्रीन और ऑरेंज जोन में कुछ बड़ी रियायतें दी गई हैं, तो वहीं रेड जोन में लॉकडाउन के सभी नियम यथावत रहेंगे। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को रेड जोन में रखा गया है। इसी बीच दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि पूरी दिल्ली को रेड जोन में नहीं रखा जा सकता है। साथ ही दिल्ली सरकार जिले स्तर पर नहीं बल्कि वार्ड स्तर पर कोविड19 के खिलाफ जंग लड़ने की तैयारी कर रही है। सूत्र बता रहे हैं कि इस कदम से दिल्लीवासियों को लॉकडाउन में कुछ राहत हो सकती है। दिल्ली एक अकेला राज्य है जिस के सभी जिले रेड जोन पर हैं जो केजरीवाल सरकार की विफलता दिखाते हैं

1 मई को जारी हुए नई गाइडलाइन में दिल्ली के सभी 11 जिलों को रेड जोन में रखा गया है। आपको बता दें कि दिल्ली के 11 जिलों कुल 272 वार्ड हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार चाहती है कि वार्ड स्तर पर कोरोना मरीजों को बांटकर जोन वर्गीकृत किया जाए। इस योजना की मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार अपना प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजेगी। दिल्ली में कोविड मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 1 मई को दिल्ली में कोरोना के 232 नए मरीज मिले हैं, जबकि अब दिल्ली में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 3700 से अधिक हो गई है। शुक्रवार को यहां दो और मरीजों ने अपनी जान गंवा दी, जिसके बाद दिल्ली में मौत का आंकड़ा 61 पहुँच गया।

3 मई के बाद मिल सकती है राहत

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार जिलों के बजाय प्रत्येक वार्ड के अनुसार कोरोना मरीजों को वर्गीकृत करने की तैयारी कर रही है। अगर इस योजना पर काम करने की अनुमति मिल जाती है, तो दिल्ली के कुछ हिस्से रेड जोन की कैटेगरी से बाहर आ जाएंगे और इसके बाद 3 मई के बाद दिल्ली के कुछ इलाकों में राहत भी मिल सकती है।

इस योजना के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिया है कि दिल्ली को वार्ड के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटने की योजना पर तैयारी शुरू कर दें। ऐसा माना जा रहा है कि जिन इलाकों में तीन या तीन से अधिक मामले हैं, उसे रेड जोन घोषित किया गया है। इसके विपरीत एक या दो मामले वाले इलाकों को ऑरेंज जोन में रखा गया है।

उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने कोविड19 मरीजों के स्थानिक वितरण, निषिद्ध क्षेत्र और वार्ड के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन से संबंधित सभी जानकारियों को एलजी अनिल बैजल के सामने पेश किया। सूत्रों का कहना है कि अब प्रत्येक वार्ड के अनुसार वर्गीकरण की योजना तैयार होने के बाद इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। अगर इस पर केंद्र की सहमति बन जाती है, तो दिल्ली में भी ऑरेंज और ग्रीन जोन होंगे।

प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाना चाहते हैं केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के शुरूआती नतीजे अच्छे आ रहे हैं और हम कोविड19 के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल को बढ़ावा देंगे। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी अभी शुरूआती चरण में है। साथ ही केंद्र ने कहा था कि इससे आगे जीवन के लिए घातक परेशानियां सामने आ सकती हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बात करत हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के एक मरीज की हालत कोरोना वायरस के कारण काफी गंभीर थी, लेकिन जब उसे प्लाज्मा थेरेपी दी गई, तो वह ठीक हो गया। केजरीवाल ने कहा कि हमें केंद्र से एलएनजेपी हॉस्पिटल में प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की अनुमति भी मिल चुकी है। आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है, जिसकी वजह से यहां कोरोना मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल को नहीं रोकेंगे, क्योंकि हमें इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। हालांकि अभी यह प्रायोगिक स्तर पर चल रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के परिणाम अब तक अंतिम नहीं हैं, लेकिन हम लगातार इस पर काम कर रहे हैं औऱ हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई अच्छा समाधान मिलेगा।

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