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पिता की शहादत के 8वें दिन बेटी ने दिया पुलिसभर्ती का फिटनेस टेस्ट, कहा- पिता पर गर्व है

कोरोना से लड़ाई में शहीद हुए थे टी आईम लेकिन 8 दिन बाद उनकी बेटी भी पुलिस भर्ती के लिए फिटनेस टेस्ट देने जा पहुंची.

कोरोना वायरस के कहर की वजह से कई लोगो ने अपने करीबियों को खो दिया हैं. गौरतलब हैं कि इस समय देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन हैं. ऐसे में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी बढ़ गई हैं. रोजाना हजारों पुलिसवाले अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. हालाँकि दुर्भाग्यवश कोरोना की जंग लड़ते हुए कुछ पुलिसकर्मी और मेडिकल स्टाफ के लोग शहीद भी हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में भी देखने को मिला हैं. यहाँ नीलगंगा टीआई यशवंत पाल कोरोना से लड़ाई लड़ते शहादत को प्राप्त हो गए. पिता की शहादत को 8 दिन ही हुए थे कि अब उनकी बेटी भी पुलिस भर्ती के लिए फिटनेस टेस्ट देने जा पहुंची.

पिता की शाहदत के 8वें दिन बेटी ने दिया फिटनेस टेस्ट

शहीद हुए टीआई यशवंत पाल का परिवार इंदौर में रहता हैं. उनके परिवार में पत्नी मीना और दो बेटियां फाल्गुनी और ईशा हैं. कोरोना वायरस से हुई शहादत के कारण परिवार वालो को टीआई यशवंत पाल के अंतिम दर्शन करने का मौका भी नहीं मिल सका. ऐसे में उनकी बेटी पिता की तस्वीर से लिपटकर रोई थी. हालाँकि उनकी बेटी फाल्गुनी इतनी ज्यादा साहसी हैं कि पिता की शहादत के 8वें दिन ही पुलिस में भारती के लिए फिटनेस टेस्ट देने उज्जैन चली गई.

बेटी फाल्गुनी ने जब वहां पुलिस लाइन में अपने पिता का कटआउट देखा तो उन्हें पहले गर्व से सैल्यूट किया और फिर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ गई. यहाँ फाल्गुनी ने पहले अपने सभी डाक्यूमेंट्स दिए और फिर मेडिकल फिटनेस परीक्षण काराया. इसके बाद वो पुनः उज्जैन से अपने इंदौर स्थित घर चली गई. इस दौरान फाल्गुनी ने बस यही कहा कि ‘मुझे अपने पिता पर गर्व हैं, वे हमसे बहुत प्यार करते थे.’

तस्वीर के पास बैठ करते है याद

टीआई पाल का पूरा परिवार उनकी तस्वीर के आगे घंटो बैठा रहता हैं. इस दौरान वे पाल के द्वारा सिखाई बाते याद करते हैं. वे कहा करते थे कि मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी और कष्टदायक हो, आप उससे डरो नहीं, बल्कि सामना करो. बस उनकी यही बात आज पुरे परिवार को साहस देने का काम कर रही हैं. यही कारण था कि बेटी ने भी अपने पिता की तरह फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा उनकी शाहदत के आठवे दिन ही पुलिस भर्ती का फिटनेस टेस्ट दे दिया.

शहीद पाल की पत्नी तहसीलदार मीना पाल बताती हैं कि उनके पति ने कभी अपने फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा था. वे बीमार थे फिर भी ड्यूटी पर जाते थे. वेंटीलेटर पर थे, तब भी मुस्कुराते रहते थे. वे अपने फर्ज को बहुत महत्त्व देते थे. ऐसे में उनकी बेटी इस मामले में कैसे पीछे रह सकती थी. जल्द ही वो भी अपने पिता के स्थान पर अपने कर्त्यव का पालन करेगी.

आईजी राकेश गुप्ता बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने  शहीद टीआई यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी को एसआई के पद पर नौकरी देने का एलान किया था. अब यह प्रोसेस पूर्ण हो गई हैं. फाल्गुनी ने अपना मेडिकल फिटनेस टेस्ट भी दे दिया हैं. सभी डाक्यूमेंट्स पुलिस मुख्यालय भेज दिए गए हैं.

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