राजनीति

अमेरिका में ब्लीचिंग पाउडर और लाइसोल पीना लोगों को पड़ा भारी, ट्रंप बोले- मैनें तो मजाक किया था

व्यंग में दिया था ट्रंप ने ब्लीचिंग और अल्कोहल के इंजेक्शन का सुझाव लेकिन कुछ लोगों ने सीरियसली ले लिया

कोरोना वायरस का कहर इस वक्त पूरी दुनिया झेल रही है और अमेरिका में इसका प्रभाव अभी सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।अमेरिका में हर 24 घंटे में 2 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। अभी तक 50 हजार से ज्यादा लोग अमेरिका में कोरोना से मर चुके हैं और लाखों की संख्या में लोग पीड़ित हैं। ऐसे में अमेरिका भी कोरोना को खत्म करने के प्रयास में जुटा है।

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रिसर्चर्स के अध्य्यन पर सलाह देते हुए कहा था कि कोरोना मरीज के शरीर में ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लिंजर का इंजेक्शन लगा के कोरोना को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे में उनकी इस सलाह को सुन कर कई अमेरिकी वासियों ने ब्लीचिंग पाउडर और लाइसोल को निगल लिया जिससे उनकी हालत खराब हो गई है।

30 लोगों ने निगल लिया रोगाणुनाशक पदार्थ

बता दें की राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि लाइसोल, डेटॉल जैसे रोगाणुओं को मारने वाले पदार्थों से अगर कोरोना खत्म हो सकता है तो इसे सफल बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि ट्रंप ने ये कहा था कि इस रिसर्च पर और अध्य्यन होना चाहिए की क्या वाकई में ऐसे इंजेक्शन से कोरोना मरीजों का इलाज हो सकता है। इसके बाद उनकी सलाह मानकर अमेरिका में करीब 30 लोगों ने ब्लीचिंग पाउडर खा लिया और लाइसोल पी लिया। न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग के जहर नियंत्रण केंद्र को गुरुवार और शुक्रवार के बीच 30 लोगों ने फोन कर बताया कि उन्होंने कीटाणुनाशक पदार्थ खा लिया है।

हालांकि इन लोगों में से किसी की भी ब्लीचिंग पाउडर खाने से मौत नहीं हुई है और ना किसी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। गौरतलब है कि पिछले साल इसी समय जहर खाने के 13 मामले सामने आए थे। केंद्र प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को जो मामले सामने आए उसमें 9 लाइजोल पीने के हैं। बाकी 10 ने ब्लीचिंग पाउडर खा लिया था और 11 ने रोगाणुनाशक कोई पदार्थ निगल लिया था।  राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर सफाई दी है। वहीं लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं।

 व्यंग में दिया था ट्रंप ने सुझाव

ट्रंप ने कहा कि जब मैंने डॉक्टरों को कोरोना वायरस के मरीजों के संभावित इलाज के लिए शरीर में कीटाणुनाशक इंजेक्शन पहुंचाने या अल्ट्रावायलेट प्रकाश शरीर के अंदर डालने के प्रयास पर विचार करने के लिए कहा था तो वो असल में मजाक में कहा था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ट्रंप के इस सुझाव की काफी आलोचना की और लोगों से अपील भी की की वो ऐसी बातों पर ध्यान ना दिया करें।

बता दें की राष्ट्रपति ट्रंप के प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त कोरोना वायरस टास्क फोर्स ने एक प्रेजेंटेशन दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सूरज की किरणों में कोरोना वायरस सिर्फ 2 मिनट तक जिंदा रह सकता है। वहीं ये बात भी सामने आई थी कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल अल्कोहल से कोरोना वायरस 5 मिनट में मर जाता है और अल्कोहल से 30 सेकेंड में इसकी मौत हो जाती है। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने सुझाव देते हुए कहा था कि अगर ये वाकई काम कर सकता है तो कोरोना मरीजों के शरीर में ब्लीच और आइसोप्रोपिल अल्कोहल जैसे क्लिंजर का इंजेक्शन देना चाहिए।

इस सुझाव को सुनकर 30 लोगों ने ऐसे पदार्थों को निगल लिया। राष्ट्रपति ट्रंप से जब उनके सुझाव पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं आप जैसे संवाददाताओं से मजाक में सवाल पूछ रहा था बस ये देखने के लिए कि क्या होता है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जुडे डीरे ने कहा कि मीडिया ने गलत तरीके से राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को बदला है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने लगातार इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिकियों को कोरोना वायरस के इलाज के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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