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योगी पर था उनके पिता को गर्व, कहा था- मैं सिर्फ जन्मदाता हूं, पुत्र तो वो संपूर्ण राष्ट्र के हैं

देश की ज़िम्मेदारी के चलते योगी नहीं गए अपने गांव , योगी जी के लिए परिवार नहीं देश सर्व प्रथम है

यूपी में कोरोना का संकट पैर पसारे हुए है और सीएम योगी दिन-रात एक करके इस समस्या से निपटने में लगे हुए हैं। इसी बीच सीएम योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया। अपने पिता को खोने का सीएम योगी को दुख तो अपार है, लेकिन लॉकडाउन का पालन करते हुए वो अपने पिता की अंत्येष्टि में भी शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने संपूर्ण राष्ट्र के नाम समर्पण का एक संदेश दिया है। आज राज्य में इतनी बड़ी समस्या सामने है इसलिए वो अपने पिता के अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो पाए। इस बात पर उनके पिता को भी गर्व महसूस हो रहा होगा। उनके पिता कहते  थे कि मैं तो सिर्फ जन्म देने के नाते आदित्यनाथ का पिता कहलाता हूं, वो पुत्र तो संपूर्ण राष्ट्र के हैं।

पिता को था सीएम योगी पर गर्व

सीएम योगी के बारे में उनकी पिता की कही ये बात इंदिरा गांधी जनजातीय विवि अमरकंटक के कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कही थी। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि उनकी मुलाकात सीएम योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट 2001 में ऋषिकेश में हुई थी। उस वक्त वो गोरखपुर विश्वविद्लाय में सहायक प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत थे। त्रिपाठी कहते हैं- हम एक कार्यक्रम में शामिल होने ऋषिकेश गए थे। वहीं तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के पिता ने कहा था कि वे अपने बेटे अजय सिंह बिष्ट जो अब सन्यासी के रुप में योगी आदित्यनाथ बन कर राष्ट्र की सेवा में लग गए हैं, मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।

स्वर्गीय आनंद सिंह ने कहा था कि योगी का व्यक्तित्व शुरु से ही परिवार केंद्रित नहीं बल्कि राष्ट्र केंद्रित था। मैं तो सिर्फ जन्म देने के नाते आदित्यनाथ का पिता कहलाता हूं, वो पुत्र तो संपूर्ण राष्ट्र के हैं। उनके लिए पहला परिवार ये समाज और राष्ट्र रहा है। ये बात कहते कहते स्वर्गीय आनंद सिंह रो पड़े थे। उन्हें अपने बेटे पर गर्व था कि वो राष्ट्र सेवा में जुटे हुए हैं।

अंत्येष्टि में शामिल ना होकर दिया राष्ट्र को संदेश

सवर्गीय आनंद सिंह योगी आदित्यनाथ के बचपन के स्वभाव का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि योगी बचपन से ही सनातन, समाज और राष्ट्र को महत्व देने वाले साहसी, कर्मठ और निर्भीक इंसान रहे हैं। आज वो अपने कर्मों से इस बात को साबित भी कर रहे हैं। प्रों त्रिपाठी ने कहा कि सीएम योगी अपने पिता की अंत्येष्टि में शामिल हो सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा ना करके राष्ट्र के नाम एक भावुक पत्र भेजा। अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए मौन धारण किया। इसके बाद वो यूपी की जनता को कोरोना से बचाने के प्रयासों में जुट गए।

बता दें की योगी आदित्यनाथ के पिता 89 वर्ष के थे।उन्होंने 20 अप्रैल को सोमवार सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर एम्स में आखरी सांसे लें। सीएम योगी के पिता की हालत काफी दिनों से खराब चल रही थी। उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उन्हें लीवर और किडनी की समस्या थी। सीएम योगी उनके अंतिम कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने एक भावुक चिट्ठी लिखी और बताया कि लॉकडाउन के चलते वो अभी नहीं आ सकते। उन्होंने बताया कि वो लॉकडाउन खत्म होते ही गांव जाएंगे। सीएम योगी के इस कदम से सिर्फ यूपी की जनता ही नहीं बल्कि पूरा देश प्रभावित है।

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