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कोटा से यूपी पहुंचे छात्र छात्राओं ने बताई दुखभरी आपबीती, जमीन छूते ही बोले ‘थैंक्यू योगीजी’

कभी उन्हें भरपेट खाने को मिल जाता तो कभी वे भूखे ही सौ जाते थे, कुछ ऐसे है इन छात्र छात्राओं की कहानी

लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपने घर से दूर अंजान शहर में फंसे हुए हैं. हालाँकि कोटा में फंसे यूपी स्टूडेंट्स के लिए योगी सरकार मसीहा बनकर सामने आई हैं. यूपी सरकार ने अपने राज्य से 21 बसें कोटा भेजी थी ताकि वहां फंसे छात्रों को सुरक्षित वापस लाया जा सके. 20 घंटे के इस थकान भरे सफ़र के बाद जैसे ही स्टूडेंट्स गोरखपुर के सहजनवां के मुरारी इंटर कॉलेज पहुंचे तो सभी के चेहरे की ख़ुशी देखने लायक थी. अपने घर वालों को देख छात्र – छात्राएं फूटफूट रोने लगे. उधर अभिभावकों ने भी अपने बच्चे का माथा चूम उन्हें सुरक्षा का एहसास दिया. यूपी सरकार के इस नेक काम के बदले स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने सीएम योगी आदित्यनाथ को दिल से शुक्रिया कहा.

कोटा से रवाना होने के बाद पहली बस सहजनवां में शाम पांच बजे आई. यहाँ सभी स्टूडेंट्स की मेडिकल टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान हर स्टूडेंट स्वस्थ निकला लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर सभी को अपने घर में ही 14 दिनों तक के लिए क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया. इसके लिए बच्चों से एक शपथ पत्र भी भरवाया गया जिसमे उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर अंकित था. उन्हें क्वारंटीन प्रोटोकॉल के सभी नियम फॉलो करने की शर्त पर ही पेरेंट्स को सौपा गया. चौथे और सांतवें दिन इन सभी का एक बार फिर स्वास्थ परिक्षण किया जाएगा.

उधर कोटा से बस में आए विद्यार्थियों ने एक-एक कर अपनी दास्तां बताना शुरू किया. उन्होंने बताया कि कैसे एक छोटे से कमरे में आठ से दस लोगो को एक साथ रखा गया था. इस दौरान कभी उन्हें भरपेट खाने को मिल जाता तो कभी वे भूखे ही सौ जाते थे. स्टूडेंट्स ने सीएम योगीजी का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि हमें पूरी उम्मीद थी कि योगीजी हमें अकेला नहीं छोड़ेंगे. इतना ही नहीं जब इन बच्चों को लेने यूपी की बसे कोटा पहुंची तो दुसरे राज्यों के स्टूडेंट्स ने भी योगी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि आप लोग लक्की हो जो उत्तर प्रदेश से हो.

कल्पना पांडेय

नीट की प्रिपरेशन कर रही इंजीनियरिंग छात्रा कल्पना पांडेय बताती हैं कि कैसे हम लोग हॉस्टल में कैद हो गए थे और वहां एक एक लम्हा गुजारना कठिन हो गया था.

सूरज

वहीं कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहे सहजनवां के मिनवा निवासी सूरज बताते हैं कि शुरू के 10-15 दिन तो जैसे तैसे गुजर गए थे लेकिन बाद में हालात बिगड़ने लगे थे. अब जब घर आए तो ऐसा लग रहा हैं जैसे नई जिंदगी मिल गई हो.

अनस शाही

कोटा में मेडिकल की तैयारी कर रहे गगहा के सिहाइचपार निवासी अनस शाही कहते हैं कि लॉकडाउन फिर से बढ़ जाएगा इसकी हमें उम्मीद नहीं थी. 14 दिनों के बाद मुश्किलें बढ़ने लगी थी. मन उदास और मायूस हो रहा था. एक अनजान डर खाए जा रहा था कि अब आगे क्या होगा.

अविनाश कुमार पाठक

उधर मेडिकल की तैयारी कर रहे पादरी बाजार निवासी अविनाश कुमार पाठक बताते हैं कि खान-पान और रहन-सहन सहित कई समस्याएं पैदा होने लगी थी. अपने शहर आकर जान में जान आई.

नेहा यादव

कोटा से नीट की तैयारी कर रही ट्रांसपोर्टनगर निवासी नेहा यादव बताती हैं कि लॉकडाउन बढ़ा तो मुश्किलें भी बढ़ने लगी थी. कोटा के जिला प्रशासन ने हेल्प जरूर की थी लेकिन वो पर्याप्त नहीं थी. ऐसे में हमारी चिंता यूपी सरकार को थी. हम तो उम्मीद खो बैठे थे कि लॉकडाउन के चलते घर आने को मिलेगा.

जानकारी के मुताबिक मुरारी इंटर कॉलेज में आने के बाद सभी स्टूडेंट्स को चाय नाश्ता भी करवाया गया था. बाद में गोरखपुर के स्टूडेंट्स को अलग कर देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर से आए अधिकारीयों को उनके एरिया के स्टूडेंट्स सौप बस के साथ रवाना कर दिया गया था. साथ ही कमिश्नर जयंत नार्लिकर, डीआईजी राजेश डी मोदक, डीएम के. विजयेंद्र पांडियन और एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता ने कॉलेज का निरक्षण कर सभी बच्चों के हालचाल लिए.

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