राजनीति

नीतीश ने लगाई गहलोत-योगी को फटकार, कहा-छात्रों को उनके राज्य भेजना लॉकडाउन का माखौल उड़ाने जैसा

राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग लेने वाले कई सारे छात्र फंसे हुए हैं और अब इन छात्रों की घर वापसी को लेकर तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में जंग छिड़ गई है। खबरों के मुताबिक करीब 35 हजार छात्र इस समय कोटा में फंसे हुए हैं। जो कि अपने घर जाना चाहता हैं। इन छात्रों में से अधिक छात्र बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य के हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन छात्रों की मदद के लिए इन्हें इनके राज्य जाने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा में कई सारी बसें भेजी ताकि ये छात्र वापस से उत्तर प्रदेश आ सकें। लेकिन इस दौरान अफरा-तफरी मच गई और बसों में बैठने वाले छात्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस फैसले की निंदा की और कहा कि बसें भेजना लॉकडाउन का माखौल उड़ाने जैसा है।

दरअसल अशोक गहलोत ने ही पहले इस चीज की पहल की थी और राज्यों से कहा था कि वो कोटा में फंसे छात्रों को उनकी राज्य सीमा तक छोड़ देंगे। जिसके बाद बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर कहा था कि ये लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है और इसपर तुरंत कार्रवाई की जाए।

भेजी गई 300 बसें

राजस्थान सरकार की और से छात्रों को घर लौटने के लिए पास जारी किए जाने लगे। जिसके बाद यूपी सरकार ने कोटा में रहने वाले छात्रों को वापस लाने के लिए बसें इस राज्य भेजी। राजस्थान सरकार की सहमति से यूपी सरकार ने तीन सौ बसें कोटा भेजी। लेकिन इस दौरान सही इंतजाम नहीं किए गए थे और बसो में चढ़ने के लिए अफरा-तफरी मच गई। छात्रों द्वारा लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया गया और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार के कोटा बस भेजने के फैसले को गलत बताया और कहा कि ये लॉकडाउन का माखौल उड़ाने जैसा है। नीतीश ने साथ ही कहा कि बसों का परमिट वापस लेना चाहिए और कोटा में ही विद्यार्थियों को सुविधा और सुरक्षा देनी चाहिए।

गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा में देश भर से छात्र आते हैं और यहां से इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। वहीं लॉकडाउन की वजह से हजारों छात्र इस राज्य में फंसे हुए हैं और ये छात्र अपने राज्य वापस जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह के हालात इस समय राजस्थान राज्य में हैं। उनको देखते हुए इन छात्रों की मांग मानना सही नहीं है। क्योंकि इस समय राजस्थान में कोरोना वायरस बुरी तरह से फैला है। इस समय छात्र जहां पर हैं वहीं सुरक्षित हैं। घरों से बाहर निकलने के कारण ये छात्र भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। वहीं 3 मई के बाद लॉकडाउन खुल सकता है। ऐसे में छात्र कुछ और दिन इंतजार कर सकते हैं।

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