राजनीति

स्वास्थ्य विभाग ने खोली राहुल गांधी की पोल, वायनाड मॉडल की बताई सच्चाई

अपने नेताओं का प्रचार प्रसार करने के लिए पार्टी आईटी सेल रोज नए नए हथकंडे अपनाती हैं। कभी भाजपा आईटी सेल अपने नेता नरेंद्र मोदी के गुणगान करने लगती है, तो कभी कांग्रेस आईटी सेल अपने नेता राहुल गांधी की वाह वाही करने से नहीं चुकती, लेकिन ऐसे में कई बार कांग्रेस आईटी सेल अपने नेता का प्रचार प्रसार करने में फेल हो जाती है। इसके बावजूद कांग्रेस आईटी सेल कभी बाज नहीं आती। बता दें,  कोरोना संकट के बीच कांग्रेस आईटी सेल के लोगों ने राहुल गांधी का प्रचार प्रसार करना चाहा, लेकिन वे इसमें फिर मात खा गए। तो आइये जानते हैं, इस बार कांग्रेस आईटी सेल ने कौन सा झूठ फैलाने की कोशिश की है।

दरअसल, बुधवार को कांग्रेस आईटी सेल के कुछ लोगों ने एक ट्वीट किया। ये ट्वीट राहुल गांधी को शुभकामनाएं देते हुए किया गया और ट्वीट में आईटी सेल ने ये बताया कि, केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने वायनाड में कोरोना से लड़ने के प्रयासों की तारीफ की है। इसके बाद राहुल गांधी भी सामने आए। और अपनी तारीफ अपने मुंह से ही कर दी। उन्होंने इस खबर को आगे बढ़ाया और लिखा, यहां 16 दिन से कोई नया मामला नहीं है। इसलिए वे सभी अधिकारियों के कड़े प्रयासों की तारीफ करते हैं। इसके आगे राहुल गांधी कहते हैं कि उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र वायनाड की तारीफ स्वंय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है।

राहुल गांधी के इस ट्वीट को देखने के बाद उनके फॉलोअर्स खुशी से झूम उठे। और वे भी लगातार इसे ट्वीट कर प्रचार प्रसार करने लगे। एक यूजर्स ने तो ये तक लिख दिया, न नरेंद्र मोदी के वाराणसी में, न स्मृति इरानी के अमेठी में। बल्कि राहुल गांधी के वायनाड में, राहुल गांधी के नेतृत्व में ये काम हुआ है।

राहुल गांधी के ट्वीट के बाद उनके समर्थकों के ट्वीट्स की बाढ़ आ गई। इन ट्वीट्स को देखकर तो यही लगता है कि, राहुल गांधी और उनके समर्थकों में कोई खास अंतर नहीं है। उनके समर्थक अक्सर बिना तथ्यों की जांज किए, समाज में झूठ फैलाकर अपने नेता का प्रचार प्रसार करते हैं। उनके समर्थक ये तक नहीं जानते हैं कि वे जो जानकारी दे रहे हैं, वो सच है या नहीं।

राहुल गांधी ने जो ट्वीट किया है, उसकी असलियत कुछ और ही है। जिस वायनाड को लेकर राहुल और उनके समर्थक खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं, उसकी सच्चाई कुछ और ही है। बता दें, सच्चाई ये है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड की कोई तारीफ नहीं की है। बल्कि सच बात तो ये है कि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायनाड को हॉटस्पॉट क्लस्टर घोषित किया हुआ है।

कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के क्लस्टर सूची में वायनाड का नाम है। बता दें, ये श्रेणी रेड जोन से एक कदम नीचे की है। ऐसे में जब वायनाड की हालत कोरोना को रोकने में बहुत अच्छी नहीं है, तो किस वजह से राहुल गांधी अपने ही मिया मिठ्ठू बन गए? उसकी सच्चाई भी आपको बता देते हैं।

दरअसल केरल में कोरोना प्रभावित 7 जिले हैं, जिनमें से 6 जिले पूरी तरह से कोरोना के हॉटस्पाट हैं, जबकि वायनाड एकमात्र जिला है, जो हॉटस्पाट का क्लस्टर है। यानि हॉटस्पाट से एक कदम नीचे। राहुल गांधी इसी को अपनी उपलब्धि समझ बैठे, और सोशल मीडिया पर इसका प्रचार करने लग गए। बता दें कि वायनाड जिले में अब तक कोरोना के तीन मामले आए हैं। और उनमें से 2 मरीज ठीक चुके हैं, लेकिन फिर भी केरल सरकार ने इसे अभी रेड जोन में ही रखा है।

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