राजनीति

दिल्ली में 10 लाख लोगों को फ्री खाना देने के दावों की खुली पोल, लोग सड़े केले खाने को मजबूर – Kapil Mishra

केजरीवाल सरकार दावा कर रही है की लोगों को मुफ्त खाना और राशन दिया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों से अलग है

कोराना संकट काल बनकर पूरे दुनिया पर छाया हुआ है और इससे संक्रमित लोगों के आंकड़े कम होने का नाम ही नहीं ले रहे। भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या 12 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है। वहीं अकेले भारत की राजधानी दिल्ली का आंकड़ा देखें तो अब तक लगभग 1578 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। केजरीवाल सरकार हॉट-स्पॉट एरिया सील करके कोरोना को रोकने की कोशिश में लगी है। हालांकि सिर्फ कोरोना से लड़ना ही एक काम नहीं है। दिल्ली में रहे रहे गरीबों को जो तकलीफें हो रही हैं उस पर तो राज्य सरकार का शायद ध्यान कम ही जा रहा है। कपिल मिश्रा ने एक वीडियो शेयर किया है जिस में दिल्ली में निगम बोध घाट के पीछे शमशान घाट पर कुछ गरीब सड़े हुए केले खाकर अपना पेट पालने को मजबूर हैं।

सड़े हुए केले खाने को मजबूर गरीब

बता दें की दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट को बढ़ता देख लोगों की परेशानी हल करने की बात कही थी। सरकार का कहना था कि दिल्ली में रोज दस लाख लोगों को फ्री खाना दिया जा रहा है और 75 लाख लोगों को फ्री राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसे लेकर तरह तरह के विज्ञापन भी निकाले गए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दिल्ली के निगम बोध के पीछे बने शमशान घाट के पीछे फेंके गए सड़े हुए केले खाकर कुछ लोग अपना पेट भर रहे हैं। इन केलों के बीच एक दो रोटियां भी हैं जो ना जाने कितने दिन पुरानी हैं।

बता दें की लॉकडाउन के चलते मजदूरों और गरीबों के पेट पर सबसे ज्यादा लात पड़ी है। दिन भर कमाई करके दो वक्त की रोटी कमाने वाले ये मजदूर लॉकडाउन के चलते एक रोटी भी नहीं जुटा पा रहे हैं। वहीं दिल्ली सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि राज्य सरकार 10 लाख लोगों को रोज खाना खिला रही है, लेकिन यहां ये गरीब सड़े केले पर अपना जीवन बसर करने को मजबूर हैं। गौरतलब है की दिल्ली सरकार कोरोना से निपटने के प्रयास कर तो रही है, लेकिन प्रयास से ज्यादा सिर्फ प्रचार दिख रहा है।

प्रचार के लिए ट्रोल हो रहे सीएम केजरीवाल

बता दें की इससे पहले दिल्ली में सैनिटाइजर का छिड़काव कराने के दौरान भी दिल्ली सीएम केजरीवाल के विज्ञापन वाली गाड़ियों को काफी ट्रोल किया गया था। इन मशीनों द्वारा शहर में जगह जगह छिड़काव किया जा रहा था, लेकिन मशीनों पर लगी दिल्ली सीएम की तस्वीर लोगों के निशाने पर आ गई। कई यूजर्स ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस संकट के समय में भी आम आदमी पार्टी पब्लिसिटी में ही जुटी हुई है।

लोगों को सफाई के साथ साथ प्रचार का ये तरीका पसंद नहीं आया था। एक ट्वीटर यूजर ने लिखा था कि सर आखिर आप इन मशीनों पर लगी हुई तस्वीरों को किस तरह जस्टीफाई कर सकते हैं? आप हमारे नेता जरुर है, लेकिन इस तरह से लीडरशीप दिखाई नहीं जाती। बता दें की आम जनता के साथ साथ बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी दिल्ली सीएम पर कई आरोप लगाए थे।

विपक्ष ने भी लगाए गंभीर आरोप

गौतम गंभीर का कहना था कि दिल्ली सरकार ने एकदम सटीक डाटा नहीं दिया है की कितना भोजन और राशन लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने यमुना किनारे खुले आसमान के नीचे सोने वाले गरीबों की बात रखते हुए कहा था की उनके ठहरने का इंतजाम आखिर दिल्ली सरकार क्यों नहीं कर रही। राज्य सरकार लगातार अपने वादे निभाने के दावे कर रही है, लेकिन गरीबों के पेट में जाने वाला खाना कुछ और ही हकीकत बयां कर रहा है।

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