राजनीति

मस्जिदों को खोलने की जिद पर अड़े पाकिस्तान के मौलाना, इमरान को दी चेतावनी कहा मस्जिद खोलो वरना..

हर देश अपने नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने को कहा रहा है। सोशल डिस्टन्सिंग के चलते ही कई देशों ने सार्वजनिक जगहों को पूरी तरह से बंद भी कर दिया गया है। ताकि एक जगह पर अधिक लोग इक्ट्ठा ना हो सके। सोशल डिस्टन्सिंग के तहत ही मंदिर,मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च को भी बंद किया गया है और लोगों से घरों में ही रहकर अपने भगवान को याद करने को कहा जा रहा है। लेकिन मुस्लिम लोग लाख मना करने के बाद भी मस्जिदों में जा रहे हैं जिससे की कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

डींगे हाकने के दौरान पाक PM ईमरान खान ने गलती से कबूली भारत की बालकोट एयरस्ट्राइक, उड़ा खूब मजाक

पाकिस्तान देश ने कोरोना वायरस के चलते अपने देश की सभी मस्जिद को बंद करने का एलान किया था। लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथी मस्जिद में फिर से नमाज़ शुरू करने की जिंद पर अड़े हुए हैं और पाकिस्तान सरकार को जल्द से जल्द मस्जिद खोलने को कह रहे हैं। खबरों के अनुसार पाकिस्तान के 53 मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इमरान सरकार को मस्जिद खोलने को लेकर चेतावनी दी है।  इन मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पाकिस्तान सरकार से रमजान (Ramadan) के दौरान मस्जिदों में ‘तरावीह’ करने की मांग रखी है।

इस देश के मदरसे वफाकुल मदारिस अल अरबिया ने सोमवार को इमरान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब मस्जिदों में इकठ्ठा होने और नमाज़ पढ़ने पर लगा प्रतिबंध हटा देना चाहिए।

इस देश के धार्मिक गुरुों ने एक बैठकर कर मस्जिदों में इकठ्ठा होने और नमाज़ पढ़ने पर लगे प्रतिबंध का विरोध किया और सरकार से कहा कि वो जल्द ही इस प्रतिबंध को खत्म कर दें। इन धार्मिक गुरुों ने मीटिंग में तय किया कि रमजान के महीने में मस्जिदों में इकठ्ठा होने और नमाज़ पढ़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। सरकार द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध को जल्द से जल्द खत्म करना होगा।  धार्मिक गुरुों ने इस मीटिंग के बाद एक वीडियो भी जारी की है। जिसमें जमियत उलेमा इस्लाम फज़ल, आलमी तंजीम खातम ए नौबवत, तालीम उल कुरआन और प्रतिबंधित संगठन अहले सुन्नत वाल जमात से जुड़े धार्मिक गुरु प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं। इस वीडियो में ये सभी गुरु सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं।

इस वीडियो में मौलाना पीर अजीजुर रहमान हजरावी ये कहते हुए दिख रहे है कि हम सरकार से इस मामले में कोई मनमुटाव नहीं चाहते। लेकिन रमज़ान में ये प्रतिबंध लागू नहीं किया जा सकता है। शुक्रवार को मस्जिद में पांच वक़्त की नमाज़ और रमजान के महीने में तरावीह पर प्रतिबंधित नहीं लगाया जा सकता है।

आपको बता दें कि कई सारे मुस्लिम देशों में कोरोना वायरस के कारण मस्जिदों को बंद किया गया है और इन देशों के लोग सरकार के इस नियम का पालन भी कर रहे हैं। सऊदी अरब सरकार ने रमजान के दौरान लोगों से तरावीह घरों में ही पढ़ने को कहा है। लेकिन पाकिस्तान में धार्मिक गुरु मस्जिदों को खोलने की जिद पर आड़े हुए हैं और लोगों की जान की परवाह किए बिना मस्जिदों को खोलने की मांग सरकार से कर रहे हैं।

Back to top button