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PGI के डॉक्टरों ने किया कमाल, 8 घंटे के अंदर पंजाब पुलिस के अधिकारी की कटी कलाई हाथ से जोड़ी

पुलिस अधिकारी के बाएं हाथ की कलाई तक का हिस्सा पूरी तरह अलग हो गया गया था, निहंगों ने किया था हमला

पंजाब के सन्नौर रोड स्थित सब्जी मंडी के बाहर निहंग सिंहों ने पुलिस कर्मियों पर तलवारों से हमला कर दिया था और इस हमले में इन्होंने एक एएसआई के बाएं हाथ की कलाई को काट दिया था। जिसके बाद एएसआई की कलाई हाथ से अलग हो गई थी। कलाई कटने के बाद पंजाब पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) ने जमीन पर गिरी अपनी कलाई को उठाकर फौरन अस्पताल का रुख किया और अपनी इलाज करवाया।

जोड़ी गई कलाई

पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों ने करीबी आठ घंटे तक एएसआई की सर्जरी की और सफलतापूर्वक एएसआई की कलाई को उनके हाथ से वापस जोड़ दिया गया। पीजीआई की और से जारी गए बयान में कहा गया कि 50 साल के मरीज के बाएं हाथ की कलाई तक का हिस्सा पूरी तरह अलग हो गया गया था। सुबह लगभग 10 बजे इनके हाथ की सर्जरी शुरु की गई और लगभग 7.5 घंटे में सर्जरी को पूरा किया गया। पीजीआई के डॉक्टरों की एक टीम ने सफलतापूर्वक कलाई को रि-इंप्लांट किया है। सर्जरी के तहत पहले कटे हुए हिस्से को प्रारंभिक रूप से तैयार किया गया और फिर से जोड़ने का काम शुरू हुआ। कलाई जोड़ते समय सभी नसों और सिराओं को आपस में जोड़ा गया। साथ में ही सभी क्षतिग्रस्त हिस्सों को रिपेयर किया गया।

इस तरह से जोड़ी कलाई

डॉक्टरों ने तीन के-वायर्स का इस्तेमाल कर कलाई के सभी नर्व को हड्डी के साथ जोड़ा है। वहीं ये सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि ये सर्जरी सरल नहीं थी और चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी। जिसे सफलतापूर्वक किया गया। सर्जरी पूरी होने के बाद ये देखा गया कि  हाथ सही से काम कर रहा था और रक्त के अच्छे संचरण के कारण हाथ गरम भी था। जिन डॉक्टरों की टीम ने ये सर्जरी सफल बनाई है उनमें सुनिल गागा, जेरी आर. जॉन, सूरज नायर, मयंक चंद्रा, शुभेंदु, अंकुर, अभिषेक और पूर्णिमा शामिल थे। जबकि नर्सिंग टीम में अरविंद, स्नेहा और अर्श शामिल रहे।

गौरतलब है कि रविवार सुबह को जब एक गाड़ी में सवार लोगों से कर्फ्यू पास मांगा गया। तो इस गाड़ी में बैठे निहंग सिंह भड़क गए और इन्होंने पुलिस पर तलवारों से हमला कर दिया। इस हमले के दौरान एक आरोपी ने एएसआई के बाएं हाथ की कलाई ही काट कर अलग कर दी। जबकि अन्य तीन पुलिसकर्मी और एक मंडी बोर्ड में काम करने वाले व्यक्ति को घायल कर दिया।

पुलिस पर हमला करने के बाद ये सभी आरोपी भागकर गुरुद्वारे में जा छिपे। वहीं पुलिस ने इन सभी को पकड़ने का अभियान शुरू किया और रविवार को ही इन सब को पकड़ लिया गया। इन 11 आरोपियों को पकड़ने के लिए कमांडो फोर्स की सहायता ली गई। इन आरोपियों के पास कई सारे हथियार थे और जब इन्हें पकड़ा जा रहा था उस समय इन्होंने फायरिंग भी की।

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