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सावधान! शरीर के अंदर छिपा रह सकता है कोरोना, ठीक हुए 51 मरीज फिर पाए गए कोरोना पॉजिटिव

कोरोना वायरस को लेकर एक देश से आई ऐसी खबर ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी है

कोराना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में अपने पांव पसार चुका है और कई देश इससे बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। जहां भारत में कोरोना पीड़ितों की संख्या अभी 6 हजार के करीब पहुंच रही हैं वहीं अमेरिका, इटली, चीन में लाखों की संख्या में लोग इससे पीड़ित हो चुके हैं। हालांकि इन देशों के बीच एक देश ऐसा भी है जिसे कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए दुनियाभर से सराहना मिली है। साउथ कोरिया ने कोरोना के मामले शुरु होते ही बड़ी संख्या में लोगों की जांच शुरु कर दी थी। इसके चलते ही वहां कोविड-19 बहुत नियंत्रित हो गया था, लेकिन हाल ही में 51 मरीज दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जिससे हर कोई हैरान है।

साउथ कोरिया में फिर पॉजिटिव पाए गए मरीज

खबरों की मानें तो साउथ कोरिया में कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए लोगों को डैगु में क्वेरेंटीन किया गया था। इसके बाद जब सबके टेस्ट रिजल्ट निगेटिव आए तो उन्हें क्वेरेंटीन से छोड़ दिया गया, लेकिन कुछ दिन बाद 51 लोग फिर से पॉजिटिव पाए गए हैं। इस घटना ने सिर्फ साउथ कोरिय़ा की ही नहीं बल्कि बाकी देशों को भी चिंता बढ़ा दी है। जहां कई देशों में मरीज ठीक होकर वापस आ रहे हों वहां फिर से कोरोना पॉजिटिव की खबर आना परेशानी की बात हो गई है।

साउथ कोरिया के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि कोरोना हमारे शरीर के अंदर कहीं ऐसी जगह छिप जाता है जिसका पता लगाना मुश्किल होता है। बता दें की साउथ कोरिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10, 300 हैं और 192 लोग अभी तक अपनी जान गवां चुके हैं। साउथ में डैगु ऐसा इलाका है जहां संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है।

वायरस के एक्टिव रहने पर संशय

दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों में इस बात को लेकर हैरानी है की वो फिर से कैसे संक्रमित हो गए तो वहीं साउथ कोरिया के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का कुछ और ही मानना है। KCDC का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि मरीज दोबारा संक्रमित नहीं हुए बल्कि वायरस फिर से एक्टिव हो गया है। हालांकि ब्रिटिश एक्सपर्ट का मानना है की अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जो ये साबित करें की मरीज के अंदर वायरस दोबारा एक्टिवेट होते हैं।

ब्रिटेन के ईस्ट एनगलिया यूनिवर्सिटी संक्रमित रोगों के प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि ये मरीज दोबारा संक्रमित नहीं हुए होंगे, लेकिन मैं ये भी नहीं सोच रहा हूं कि वायरस दोबारा एक्टिव हो गए। उनका मानना है कि उन मरीजों की जांच रिपोर्ट में गलती से निगेटिव आ गया होगा। उनका कहना है कि आम तौर पर कोरोना वायरस के जो टेस्ट किए जाते हैं उसमें 20 से 30 फिसदी संभावना गलत रिजल्ट देने की ही होती है। जो मरीज दोबारा पॉजिटिव पाए गए हैं हो सकता है की क्वेरेंटीन से छोड़े जाने के बाद उनके रिजल्ट निगेटिव आए होंगे, वो सही नहीं रहे होंगे। या हो सकता है की उस वक्त उन्हें संक्रमण हुआ ही ना हो।

दोबार संक्रमित हो सकता है मरीज

KCDC के डॉयरेक्टर जनरल इउन किओंग का कहना है की डैगु में इस मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी गई है। गौरतलब है की इससे पहले जापान के एक्सपर्ट ने भी इस पर आशंका जताई थी की मरीज दोबारा संक्रमित हो सकते है, क्योंकि वहां भी एक औरत और आदमी के दोबारा पॉजिटिव होने की खबर सामने आई थी। लीडर यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजी के प्रोफेसर मार्क हैरिस का कहना है की दोबारा पॉजिटिव होना वाकई में परेशानी की बात है, लेकिन इसकी संभावना कम है की वो फिर से संक्रमित हुए होंगे क्योंकि पहली बार वो लोग इम्यून रेसपॉन्स डेवलेप कर लेते हैं। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि रिपोर्ट आने के वक्त वो संक्रमण मुक्त नहीं हुए होंगे।

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