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लॉकडाउन ने बनाया अनोखा संयोग: पिता SI तो बेटी DSP, एक ही थाने में दे रहे हैं ड्यूटी

कोरोना वायरस संक्रमण से जंग के बीच एक बहुत ही दिलचस्प खबर मध्यप्रदेश से है। बता दें यहां एक ही थाने में पिता और बेटी काम कर रहे हैं। इसे आप संयोग या किस्मत कुछ भी समझ सकते हैं। लेकिन पिता और बेटी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि हम दोनों एक ही थाने में, एक साथ ड्यूटी करेंगे। तो आइये जानते हैं, कौन हैं ये पिता और बेटी। और किस जिले में एक साथ काम कर रहे हैं। और कैसे बना ये संयोग।

शाबेरा अंसारी की तैनाती बतौर प्रशिक्षु सीधी जिले  के मझौली थाने में डीएसपी पद पर हुई है। उनके पिता अशरफ अंसारी जनता कर्फ्यू के दौरान सीधी आए हुए थे। और अपनी बेटी के यहां रूके थे। इसी समय पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। जिसके बाद अशरफ अंसारी को मझौली थाने में ही ड्यूटी देनी पड़ी। दरअसल उन्हें पीएचक्यू का आदेश आया, इसी के तहत अब वो मझौली थाने में ही ड्यूटी दे रहे हैं।  बता दें अशरफ अली इंदौर जिले के लसुड़िया थाने में सब-इंस्पेक्टर पद पर हैं। 1988 में उनका मध्यप्रदेश में कांस्टेबल पद पर चयन हुआ था। और उसके बाद लगातार प्रमोशन के चलते अब वो सब-इंस्पेक्टर हैं।

बता दें इस वक्त दोनों एक साथ काम कर रहे हैं। और  कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों को जागरूक करने का काम भी पिता और बेटी मिलकर कर रहे हैं। कोरोना संकट में पुलिसकर्मी अपना अतिरक्त समय देकर, लोगों की रक्षा कर रहे हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के पिता अशरफ अंसारी और पुत्री शाबेरा अंसारी एकसाथ गस्त लगाने जाते हैं।

शाबेरा अंसारी का पुलिस में प्रथम चयन साल 2013 में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था। उन्होंने इसे ज्वाइन किया। लेकिन पुलिस की नौकरी के बावजूद वो, मध्यप्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन यानी एमपी पीएससी की तैयारी करती रहीं। और शाबेरा इस परीक्षा में सफल रहीं और उनका चयन हो गया। उसके बाद इ्नकी नियुक्ति बतौर प्रशिक्षु डीएसपी के पद पर हुई। इसके बाद अभी उनके पिता अशरफ अंसारी भी इसी थाने में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। माना जाता है कि अशरफ अंसारी को पुलिसिया कामकाज का अच्छा खासा अनुभव है। ऐसे में डीएसपी के पद पर तैनात बेटी शाबेरा  अपने पिता से बहुत कुछ सीख रही हैं।

अपनी बेटी के साथ काम करने को लेकर अशरफ अंसारी ने कहा कि- कभी सोचा नहीं था कि बेटी के साथ काम करूँगा। वे आगे कहते हैं , इसे आप संयोग ही समझें कि हम कुछ दिनों के लिए सही लेकिन एक साथ काम कर रहे हैं। अशरफ इस अनुभव को जीवनभर के लिए यादगार बताते हैं। और कहते हैं, बेटी के साथ एक ही थाने में काम करके बहुत खुश हूँ। इसके बाद जब शाबेरा अंसारी से पूछा गया कि, वो अपने पिता जी के साथ काम करके कैसा महसूस कर रही हैं। तो उनका जवाब था, मैं अपने पिता के साथ काम करके उनसे बहुत कुछ सीख रही हूँ।

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