अध्यात्म

अपनाएँ गणेशजी के ये 5 अद्भुत उपाय, धन लाभ से लेकर सांसारिक सुख तक सभी मुरादें होगी पूरी

गणपति बप्पा को हम सभी विघ्नहर्ता के नाम से भी जानते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि यदि आप गणेशजी को प्रसन्न करने में सफल हो जाते हैं तो आपकी लाइफ के सभी विघ्न यानी समस्याएं हल हो जाती हैं. जीवन के हर मोड़ पर कुछ ना कुछ बाधाएं आती ही रहती हैं. यदि आप इन बाधाओं को आसानी से पार कर अपने मुकाम तक पहुंचना चाहते हैं तो गणपति जी आपकी सहायता कर सकते हैं. वैसे भी मान्यता हैं कि किसी भी काम की शुरुआत करने के पूर्व गणेशजी की पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए. उससे वो कार्य अतिशीघ्र संपन्न हो जाता हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको गणेशजी के कुछ ख़ास उपाय बताने जा रहे हैं.

मस्तक पर लगाए पांच दुर्वा

यदि आप हमेशा अपने ऊपर गणेशजी का आशीर्वाद चाहते हैं तो रोजाना स्नान करने के बाद पूजा के दौरान गणेशजी को पांच दुर्वा (हरी घास) चढ़ाना चाहिए. एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखे कि आपको ये दुर्वा गणेशजी के चरणों में नहीं बलि मस्तक पर रखना हैं. चरणों में दुर्वा नहीं चढ़ाई जाती हैं. दुर्वा चढ़ाने के दौरान ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः‘ मंत्र भी बोले.

शमी का पौधा

शास्त्रों के मुताबिक शमी के पौधे से आप गणेशजी और शनिदेव दोनों को ही प्रसन्न कर सकते हैं. ऐसी भी मान्यता हैं कि श्रीराम ने रावण पर वियज प्राप्त करने के लिए शमी के पौधे की पूजा की थी. शमी के पौधे के पत्ते गणेशजी को प्रिय होते हैं. इसलिए यदि आप इसके कुछ पत्ते गणेशजी को अर्पित करते हैं तो आपके सुख में वृद्धि होगी. इसके अलावा धन की आवक भी बढ़ने लगती हैं.

पवित्र अक्षत (चावल)

गणेशजी को पवित्र अक्षत (चावल) चढ़ाना भी लाभकारी माना जाता हैं. पवित्र चावल मतलब ऐसा चावल जो कहीं से भी टूटा ना हो. एक बात का ध्यान रहे कि आपको ये चावल गिले कर के ही चढ़ाने चाहिए. गणेशजी को सूखे चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं. उबले हुए चावल चढ़ाने के दौरान ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः‘ मंत्रा का 3 बार जाप जरूर करे.

लाल सिंदूर

गणेशजी को पूजा में मस्तक पर लाल सिंदूर लगाए. इसके बाद अपने माथे पर ही इसी सिंदूर से तिलक लगाए. ऐसा करने से गणेश कृपा सदैव आपके साथ रहती हैं. यह तिलक आपको मुसीबतों से भी दूर रखता हैं. तिलक लगाते समयआप इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः‘.

मोदक

मोदक गणेशजी का प्रिय भोजन माना जाता हैं. इसकी वजह ये हैं कि परशुराम जी से युद्ध गणेशजी का एक दांत टूट गया था. इस वजह से उन्हें चबाने में दिक्कत होती थी. मोदक काफी मुलायम होते है. ये मुंह में जाते ही घुल जाते हैं. इसलिए इन्हें प्रसादी के रूप में चढ़ाने से गणेशजी खुश हो जाते हैं. एक बार गणेशजी प्रसन्न हो गए तो वे आपकी मनचाही इच्छा पूरी कर देते हैं.

आप इन सभी उपायों को किसी भी दिन या रोजाना कर सकते हैं. हालाँकि बुधवार के दिन इन सभी उपायों की अहमियत बढ़ जाती हैं.

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