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93 साल के पति और 88 वर्ष की पत्नी ने दी कोरोना को मात, हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर बाहर निकले

कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे अधिक ख़तरा बुजुर्गों को हैं. ये बात आप ने भी कई बार सुनी होगी. ये बात सच हैं क्योंकि बुजुर्ग व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता जवान लोगो की तुलना में कम होती हैं. इसलिए वे इस वायरस से लड़ नहीं पाते हैं. हालाँकि केरल में 93 साल के हस्बैंड और उनकी 88 साल की वाइफ इस कोरोना वायरस को हराकर पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर रियल लाइफ हीरोज बन गए हैं. आलम ये था कि जब उनकी हॉस्पिटल से विदाई (डिस्चार्ज) हुई तो डॉक्टर्स की आँखें तक नम हो गई.

दरअसल 91 वर्षीय थॉमस और उनकी 88 वर्षीय पत्नी मरियम्मा का इलाज कोट्टायम मेडिकल कॉलेज पिछले एक महीने से हो रहा था. ये बुजुर्ग दंपत्ति कोरोना वायरस की चपेट में आ गया था. एक महीने की जंग के बाद बीते सोमवार ही इन दोनों को स्वस्थ हालात में अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. इस दौरान समस्त मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों ने ताली बजाकर इस बूढ़े कपल को विदा दिया. इस दौरान वहां खड़े सभी लोगो की आँखों से आंसू बहने लगे थे. बताया जा रहा हैं कि इनका इलाज करते करते डॉक्टर्स को भी इनसे लगाव हो गया था.

बता दे कि इन दोनों का इलाज इतना आसान भी नहीं था. इस एक महीने में इलाज के दौरान थॉमस को एक बार हार्ट अटैक आया और सांस लेने में तकलीफ भी हुई. वहीं मरियम्मा को यूरिनरी इंफेक्शन एवं बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया. इतना ही नहीं जो नर्स इन दोनों का ख्याल रख रही थी बाद में वो भी कोरोना से संक्रमित निकली. पिछले हफ्ते ही दोनों की जांच हुई थी जो कि कोरोना नेगेटिव आई थी. इसलिए एक हफ्ते की निगरानी के बाद बीते सोमवार उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. इसकी एक वजह ये भी थी कि अस्पताल में इस माहोल में ज्यादा दिनों तक रुकना किसी इन्फेक्शन को न्योता देने जैसा था.

इस बुजुर्ग दंपत्ति के अतिरिक्त उनके बेटे, बहू, पोते और दो अन्य रिश्तेदारों को भी सेहतमंद हालत में डिस्चार्ज किया गया. ये सभी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. दरअसल बुजुर्ग दंपती का बेटा और उसकी फैमिली 29 फरवरी को इटली से आए थे. ऐसे में उनके वायरस होने के शक के आधार पर 5 मार्च को इनका पूर्ण परिवार हॉस्पिटल में एडमिट हो गया था. डॉक्टरों के अनुसार बुजुर्ग दंपती के इलाज के शुरुआत 5 दिन बड़े कठिन थे. इन्हें डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों ही था. खासकर थॉमस की सेहत बेहद खराब होती जा रही थी. उन्हें एक समय वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा था. उन्हें खांसी और सिने में दर्द जैसी दिक्कतें भी बहुत थी. हालाँकि बाद में दोनों धीरे धीरे रिकवर करने लगे.

इस तरह की मिसाल एक उम्मीद की किरण भी पैदा करती हैं. इस केस में दोनों बूढ़े कपल की उम्र भी अधिक थी और उन्हें कई मेडिकल दिक्कतें भी पहले से थी. उनका शरीर इस वायरस से लड़ने के लिहाज से बेहद कमजोर था. लेकिन फिर भी इन दोनों ने और डॉक्टर्स ने हार नहीं मानी. हमारी आपको यही सलाह हैं कि पहली कोशिश यही करे कि अपने घर के बुजुर्गों को घर में अलग थलग ही रहने दे. उन्हें घर के बाहर कोई सामान लाने ना भेजे. साथ ही आप बाहर से कोई सामान लाए तो अच्छे से हाथ और सामान धोए. जहाँ तक हो सके बूढ़े लोगो को किसी भी तरह से इन्फेक्ट करने से बचे. उनके इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए हल्का पुल्का व्यायाम कराए और हल्दी का काड़ा पिलाए.

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