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कोरोना मिसाल: 70 किलोमीटर घुड़सवारी कर 70 साल का बुजुर्ग लेकर आया पत्नी की दवा, कायम की मिसाल

कोरोना वायरस का संक्रमण और न फैले इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बीते 24 मार्च को देशभर में 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद से यहां से वहां जाने के सभी साधन भी बंद कर दिए गए थे। किसी को भी यदि कहीं जाना पड़ रहा है तो वह केवल पैदल ही जा सकता है। हालांकि, इस लॉकडाउन के दौरान मेडिकल, अस्पताल, सब्जी, फल व आवश्यक सेवाएं खुली रखी गई हैं। फिर भी बहुत सी ऐसी जरूरतें हैं, जिनके लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है।

शोलापुर की घटना

महाराष्ट्र के शोलापुर से संघर्ष की एक ऐसी दास्तां सामने आई है जो न केवल लॉकडाउन के दौरान लोगों को हो रही कठिनाइयों के बारे में बता रही है, बल्कि एक मिसाल भी पेश कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां एक 70 साल के बुजुर्ग ने 70 किलोमीटर की घुड़सवारी करके अपनी 67 साल की बीमारी पत्नी के लिए दवा लाई है। जी हां, इस 70 साल के बुजुर्ग का नाम दस्तगीर पठान बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक उनकी पत्नी बीमार थी और उन्हें दवाई की सख्त जरूरत थी। ऐसे में जब आसपास कहीं दवाई ना मिली तो दर्शनाल गांव के रहने वाले बुजुर्ग ने 70 किलोमीटर दूर जाकर दवाई लाने की ठान ली।

ब्लड प्रेशर की समस्या

दस्तगीर पठान की पत्नी को ब्लड प्रेशर की शिकायत है। उनके लिए दवाई बहुत ही जरूरी थी। डॉक्टर ने जो दवा लिखी थी वह दवाई उन्हें आसपास नहीं मिल रही थी। बहुत कोशिशों के बाद भी जब दवा ना मिली तो उन्होंने शहर जाने का फैसला कर लिया, लेकिन दिक्कत यह आ गई कि शहर जाने के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नहीं था। लॉकडाउन की वजह से कोई भी घर से बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। ऐसे में दवा की सख्त जरूरत को देखते हुए दस्तगीर पठान ने अपना घोड़ा निकाला और घुड़सवारी करते हुए हुए 70 किलोमीटर दूर शहर पहुंच गए दवाई लेने के लिए।

पुलिसवालों ने की मदद

सुबह 8 बजे दस्तगीर अपने गांव से निकले और 10 बजे शहर पहुंचे। दवाई लेने के बाद उन्होंने शहर में पेड़ के नीचे थोड़ा आराम किया। फिर 2 घंटे की यात्रा करके गांव वापस आ गए। रास्ते में कई बार पुलिस ने रोका तो आपबीती सुनाने पर पुलिस ने न केवल उन्हें जाने दिया, बल्कि उन्हें पानी भी पीने को दिया।

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