विशेष

हाथ में AK-47 और दंतेवाड़ा का मुश्किल हालात, कुछ ऐसी है इस प्रेग्नेंट कमांडर के हौसले की कहानी

इस देश में महिलाओं को कमजोर समझा जाता है लेकिन महिलाएं वो कर सकती हैं जो पुरुष के बस की बात भी नहीं है। अगर कोई महिला अपनी जिद पर आ जाए तो वो हर पुरुष को पीछे छोड़ने का हौसला रखती है। कुछ ऐसी ही कहानी है कमांडर सुनैना पटेल की जिसकी पोस्टिंग इस समय दंतेवाड़ा में है और यहां उन्हें नक्सलियों से लड़ना होता है इसके अलावा वे 8 महीने की गर्भवती भी हैं। ऐसे में कितना मुश्किल होता होगा उनके लिए ड्यूटी करना लेकिन कमांडर सुनैना ने हिम्मत नहीं हारी है। चलिए बताते हैं इनके बारे में कुछ और बातें..

8 महीने की गर्भवती हैं कमांडर सुनैना

गर्भवती होने पर महिलाओं को आराम करने की सलाह दी जाती है खासतौर पर जब 7 महीने पूरे हो जाते हैं। 8 महीने की गर्भवती महिला को जहां एक तरफ डॉक्टर्स बेड रेस्ट बोल देते हैं वहीं कमांडर सुनैना पटेल अपनी ड्यूटी दे रही हैं। एक बार पट्रोलिंग के दौरान गर्भ गिर जाने के बाद भी सुनैना पीछे नहीं हटी और ऐसी हालत में भी ड्यूटी पर हैं। सुनैना पटेल खतरनाक इलाके दंतेवाड़ा में ड्यूटी करती हैं जहां के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ उन्हें हर दिन जंग छेड़नी पड़ती है। अपने इस फैसले से सुनैना पटेल ने लाखों-करोड़ों महिलाओं और लड़कियों को हर परिस्थिति में मजबूती से लड़ने की प्रेरणा दी है और उन सबको इससे हौसला मिलता है।

सुनैना 8 महीने की गर्भवती जरूरर हैं लेकिन उनका कर्तव्य है कि वे अपनी ड्यूटी करती रहें और ये एक बेमिसाल उदाहरण है अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए। छत्तिसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लड़ने के लिए बने डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड में दंतेश्वरी फाइटर के रूप में सुनैना तैनात हैं। 8 महीने के गर्भ के साथ ही सुनैना घने जंगलों में पेट्रोलिंग का काम भी करती हैं। इसी दौरान उनकी पीठ पर भारी भरकम बैग और हाथ में वजनदार राइफल होती है।

अपनी इस ड्यूटी के बारे में सुनैना कहती हैं कि जब वे दो महीने की गर्भवती थीं तब उन्होने ये नौकरी ज्वाइन की थी और सुनैना ने कभी भी अपनी ड्यूटी से इनकार नहीं किया। अब 8 महीने की गर्भवती होने पर भी सुनैना को काम मिलता है और उसे वे पूरी निष्ठा के साथ निभाती हैं। दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव का इस बारे में कहना है कि इससे पहले एक बार पेट्रोलिंग करते समय सुनैना पटेल का गर्भ गिर चुका है।

आज भी जब उन्हें छुट्टी देने की बात कही जाती है तो वे इससे इनकार कर देती हैं, उनका कहना है कि उनका कर्तव्य सबसे पहले है। इस तरह से सुनैना देशभर की महिलाओं को प्रेरित करती हैं। जब से सुनैना ने कमांडर के रूप में चार्ज लिया है तब से महिला कमांडो की संख्या काफी बढ़ गई है और महिलाओं को सुनैना से ही हौसला मिलता है।

Back to top button