राजनीति

एग्जिट पोल: इन वजहों से मोदी से पीछे रह गए अखिलेश, जानें वजहें!

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चरणबद्ध तरीके से खत्म हो चुका है। चुनाव खत्म होते ही सभी की निगाहें मीडिया के एग्जिट पोल पर टिकी हुई थीं। सब जानना चाहते थे कि आखिर इस बार एग्जिट पोल में कौन जीतेगा। सभी पार्टियों को रिजल्ट से काफी मायूसी हुई, क्योंकि बीजेपी को हराने का उनका सपना केवल सपना रह गया। हालांकि बीजेपी को एग्जिट पोल में पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला लेकिन, बीजेपी इस दौड़ में सभी पार्टियों से आगे रही। सपा-कांग्रेस गठबंधन दूसरे नंबर पर और तीसरे नंबर पर बसपा रही।

आखिर क्यों नकार दिया जनता ने अखिलेश को?

कई चैनेलों ने तो बीजेपी को पूर्ण बहुमत से जीतने का भी दावा किया है। ऐसे में सपा की इतनी बुरे तरह से हारने की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। अखिलेश को जनता ने आखिर क्यों नकार दिया? यह इस समय सभी लोग जानना चाहते हैं। आप तो जानते ही हैं कि अभी अखिलेश को राजनीति में आये केवल कुछ ही साल हुए हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने 5 साल पूरे किये हैं। पिछली बार सपा को पूर्ण बहुमत मिला था, आखिर इस बार ऐसा क्या हुआ जो सपा के साथ इतनी दिक्कत हुई। आइये नज़र डालते हैं, इसके कुछ कारणों पर।

Akhilesh yadav sacked from SP

परिवार में घमासान:

अखिलेश के परिवार में मचने वाले घमासान के बारे में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो नहीं जनता होगा। अखिलेश और उनके पिता मुलायम और चाचा शिवपाल से हुए झगड़े की वजह से भी कुछ मतदाता सपा से खफा हो गए। पार्टी भी कई भागों में बंट गयी और पार्टी के कार्यकर्ता भी, ऐसे में अखिलेश के साथ यह होना लाजिमी था।

Akhilesh yadav gets cycle
प्रचार में कमी:

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सपा ने बीजेपी के मुकाबले बहुत कम प्रचार किया। बीजेपी जितना जमीनी स्तर पर प्रचार करती थी, उसका एक तिहाई भी सपा नहीं कर पाई। ऐसे में जनता के दिलों में बीजेपी की अच्छी छवि बैठ गयी और उसका फायदा चुनाव में हुआ।

Unexpected guest in pm modis roadshow

मोदी लहर:

पिछला लोकसभा चुनाव तो आपको याद ही होगा। उसमें बीजेपी को एक तरफा वोट मिला था। उत्तर प्रदेश में तो बीजेपी ने सबको साफ कर दिया था। उस समय मोदी लहर थी। आज तीन साल के बाद भी लगता है मोदी लहर कम नहीं हुई है। इस मोदी लहर ने उत्तर प्रदेश की सभी पार्टियों को बहाकर एक किनारे कर दिया है।

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