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‘दंगाइयों पर खामोशी, सुरक्षाबलों पर सवाल’ यही है सोनिया गांधी की कांग्रेस

कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्‍ली में हुई हिंसा को लेकर आज एक प्रेस कांफ्रेंस की है और सोनिया गांधी ने इस हिंसा के लिए केंद्रीय सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सोनिया गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह से इस्‍तीफे की मांग भी की है और इस हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए पूछा है कि आखिर, जब हिंसा हो रही थी, तब प्रधानमंत्री कहां थे ? इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने दिल्ली पुलिस को भी अड़े हाथों लेते हुए कहा, दिल्‍ली पुलिस मूक दर्शक बनकर हिंसा देख रही थी।

वैसे हिंसा के लिए कांग्रेस पार्टी से ज़्यादा ज़िम्मेदार और कौन हो सकता , देखें यह वीडियो कांग्रेस पार्टी ने किस तरह से हिंसा भड़काया है

सोनिया ने हिंसा को बताया साजिश

सोनिया गांधी ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई इस हिंसा को एक साजिश करार दिया है और कहा है कि देश ने दिल्ली चुनाव के दौरान भी ये देखा था। कई बीजेपी नेता दिल्ली में नफरत का माहौल बना रहे थे और भड़काऊ भाषण दे रहे थे। दिल्ली के हालात इन दिनों बेहद चिंताजनक है और 72 घंटों में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली की इस स्थिति के लिए केंद्र और केंद्रीय गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। गृहमंत्री अमित शाह को इस हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।

सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि दिल्‍ली में इतनी हिंसा होने के बाद भी सरकार ने अर्धसैनिकबलों को क्यों नहीं बुलाया ? जो नेता भड़काऊ भाषण दे रहे थे। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने कार्रवाई क्यों नहीं की? गृहमंत्री अमित शाह बताएं कि वो रविवार को क्या कर रहे थे? सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार के साथ साथ आप पार्टी को भी इस हिंसा के लिए जिम्मेदार माना और पूछा कि हिंसा वाले दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहां थे?

इस समय कांग्रेस पार्टी जो संवेदना व्यक्त कर रही है, वो 1984 में सिखों के कत्लेआम के समय कहां मर गई थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि उस समय एक विशेष धर्म के लोग नहीं थे?

बीजेपी ने दी अपनी प्रतिक्रिया

सोनिया गांधी की और से उठाए गए इन सवालों का जवाब बीजेपी पार्टी की और से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिया और कहा कि सरकार पर दोष लगाना गंदी राजनीति है, उन्होंने बालाकोट के अगले दिन भी इस तरह सवाल उठाए थे। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वे केवल राजनीति करना चाहते हैं। सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी कांग्रेस पार्टी की और से सवाल खड़े किए गए थे।

गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये एक हास्यास्पद मांग है, क्योंकि अमित शाह तो उस दिन से स्थिति को संभालने में लगे हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता पूछ रहे हैं, अमित शाह कहां थे? अमित शाह ने तो कल सर्वदलीय बैठक की थी और दिल्‍ली हिंसा की स्थिति का जायजा लिया था। अमित शाह पुलिस का मनोबल बढ़ाते हैं और कांग्रेस दिल्‍ली पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है।

सिख दंगा दिलाया याद

प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में हुए सिख दंगों की याद दिलाई और कहा जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों, वे हिंसा रोकने में सफलता और असफलता की बात कर रहे हैं। जब ये दंगे हुए थे तब तो कांग्रेस ने हिंसा का समर्थन किया था और कहा था कि बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।

गौरतलब है कि दिल्ली के हालात दो दिनों से सही नहीं चल रहे हैं और हाल ही में दिल्ली में हुई हिंसा में करीब 20 लोगों की मौत हो गई है। दरअसल CAA कानून के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए थे और उसी दौरान इस विरोध ने हिंसा का रूप ले लिया था। हिंसा के देखते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

 

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