दिलचस्प

खुद को डॉक्टर समझ कर मानसिक रोगी ने कर दिया 20 मरीजों का इलाज, किसी को नहीं हुआ शक

मानसिक रोग से पीड़ित एक व्यक्ति ने खुद को डॉक्टर मान लिया और डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज भी कर दिया। ये घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर की है। खबर के मुताबिक एक मानसिक रोगी ने डॉक्टर बन मरीजों का इलाज किया और मरीजों को दवाई भी लिख कर दी। हैरान करने की बात ये है कि इस बात की भनक कई समय तक किसी को भी नहीं लगी और ये मानसिक रोगी मरीजों का इलाज करता रहा। वहीं जैसे ही इस रोगी के बारे में पता चला, तो अस्पताल में हड़कप मच गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये मानसिक रोगी डॉक्टर हिमांशु बाथम के चैंबर में जाकर बैठ गया और मरीजों का इलाज करने लगा। कुछ समय तक ये सब चलता रहा और मरीज इस रोगी से अपना इलाज करवाते रहे।

क्या है पूरी घटना

छतरपुर जिला अस्पताल में सोमवार को डॉक्टर का चैंबर खाली देख एक मानसिक रोगी डॉक्टर की कुर्सी पर जाकर बैठ गया। जिसके बाद चैंबर के बाहर बैठे मरीजों ने इस रोगी को डॉक्टर समझ लिया और इससे इलाज करवाने लगे। इस रोगी ने एक एक कर कई मरीजों को चैंबर में बुलाया और उनको दवाई भी लिखकर दी। इस मानसिक रोगी ने करीब 20 मरीजों का इलाज किया और किसी भी मरीज को इसपर शक भी नहीं हुआ। इतना ही नहीं जो दवाई इसने लिखकर दी वो दवाई लेने के लिए मरीज सरकारी मेडिकल स्टोर भी पहुंच गए।

इस तरह से खुली पोल

कई समय तक ये रोगी मरीजों का इलाज करता रहा और उन्हें दवाई लिखकर देता रहा। वहीं जब ये मरीज दवा लेने के लिए सरकारी मेडिकल स्टोर पहुंचे तो वहां दवा देने वाले अनूप शुक्ला को दवाई का पर्चा अजीब लगा और अनूप शुक्ला को शक हुआ। दरअसल इस रोगी ने दवाई के पर्चे पर लाल रंग के पैन से दवाई का नाम लिख रखा था। जिसके चलते अनूप शुक्ला को शक हो गया। शक होने के बाद अनूप ने मरीजों से डॉक्टर का चैंबर नंबर पूछा और बिना कोई देर किए चैंबर में चले गए। चैंबर में घुसकर अनूप शुक्ला ने देखा की वहां पर डॉक्टर की सीट पर एक मानसिक रोगी बैठा हुआ है जो कि डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा है। अनूप शुक्ला ने इस बात की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी। जानकारी मिलने के बाद इस मानसिक रोगी को पकड़कर बाहर निकाला गया।

इस वजह से मरीजों को नहीं हुआ शक

जिन लोगों का इलाज इस रोगी ने किया उनके अनुसार ये रोगी फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहा था। इसलिए उन्हें लगा की ये डॉक्टर है। साथ में ही इलाज करते हुए इस मानसिक रोगी ने मरीजों को बताया कि वो दिल्ली के एम्स का डॉक्टर हैं और उसका नाम वीर बहादुर है।

इस मानसिक रोगी को पकड़ने के बाद जब इससे ये पूछा गया कि उसने मरीजों को गलत दवा क्यों लिखी? तो इस रोगी ने कहा कि जो दवा उसने लिखी है वो एकदम सही है और दवाओं की  100 फीसदी गारंटी में लेता हूं, आप दवा चेक करा लीजिए, एकदम सही निकलेगा। इस मानसिक रोगी के अनुसार इसने ओपीडी के बाहर कई सारे मरीजों को बैठा देखा जो कि परेशान थे। जिसकी वजह से इसने रोगियों का इलाज करना शुरू कर दिया।

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