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पीएम मोदी की ललकार, कहा – बहुत हुआ नज़राना…अब तो इन्हें है सबक सिखाना!

मिर्जापुर – यूपी चुनाव के आखिरी चरण यानि सातवें चरण के मद्देनज़र पीएम मोदी ने मिर्जापुर में रैली कि, जहां कवि अशोक चक्रधर की कविता का जिक्र करते हुए उन्होंने अखिलेश सरकार को भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया। पीएम ने यूपी के भीतर भ्रष्टाचार और वसूली के तरीके से लोगों को दो-चार कराया। पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में इस वक्त चार तरीके से वसूली की जाती है। ये चार तरीकें हैं नज़राना, शुकराना, हकराना और जबराना। pm modi rally in mirzapur.

जनता पहले खाट ले गयी, अब खटिया खड़ी करेगी –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लोग पहले खाट ले गए, अब खटिया भी खड़ी करेंगे। उन्होंने अखिलेश यादव के उस तंज पर चुटकी लि, जिसमें उन्होंने मोदी को तार छूने की चुनौती दी थी। पीएम ने कहा, अखिलेश जी ने कहा कि जरा बिजली के तार पकड़ कर देखो, बिजली जाती है या नहीं। अखिलेश जी, आपके नये यार एक खाट सभा करने गए थे और लोग खटिया उठा ले गये थे, क्योंकि लोगों को मालूम था कि ये उन्हीं का माल है। उन्होंने आगे कहा, जनता ने इतने तार बिछा रखे हैं कि 11 मार्च को सपा, कांग्रेस, बसपा तीनों को करंट लगने वाला है।

यूपी की दशा सुधरते ही विकास की राह में दौड़ेगा देश –

कांग्रेस, सपा और बसपा को यूपी की बदहाली के लिये जिम्मेदार ठहराते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आबादी के लिहाज से अव्वल राज्य की दशा सुधरते ही देश खुद ब खुद तरक्की की राह पर सरपट दौडेगा। विजय शंखनाद रैली को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘यूपी इतना बड़ा राज्य है कि अगर यह देश होता तो आबादी के लिहाज से दुनिया का पांचवां देश कहा जाता। अगर यहां से बीमारी, बेरोजगारी, गरीबी मिट जाए तो हिंदुस्तान अपने आप आगे बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश बहुत ताकत रखता है।’

पिता के वादों को भी पूरा नहीं कर सके अखिलेश –

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि करीब 13 साल पहले सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए बरेली और मिर्जापुर के बीच गंगाजी पर पुल बनाने की बात कही थी मगर यह काम अभी तक नहीं हुआ और अखिलेश इसे भुल गये। लेकिन, अगर यही पुल सैफई के आसपास बनाना होता तो बोलते ही बन गया होता। पिता ने जनता से वादा किया था जिसे निभाने में मुख्यमंत्री अखिलेश ने कोताही दिखाई। क्या आपने कभी किसी बेटे को बाप के काम को अधूरा छोड़ते देखा है। ये कैसे लोग हैं जो अपने पिता के वादों को भी पूरा नहीं करते। ये जनता से किया हुआ वादा कैसे पूरा करेंगे।

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