अध्यात्म

शनि और चंद्र ग्रह के कारण बनता है ‘विष योग’, ना करें इसे अनदेखा, बचने के लिए करें ये उपाय

कुंडली में विष योग शनि और चंद्र ग्रह के कारण बनता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्रमा के साथ शनि ग्रह के एक भाव या स्थान पर होने से कुंडली में विष योग बनता है और इस योग के कारण जातक के जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आती हैं। विष योग को अच्छा योग नहीं माना जाता है और कुंडली में ये योग होने पर इससे बचने के उपाय जरूर करें।

विष योग

  • अगर कुंडली में शनि और चंद्र प्रथम भाव में हो तो जातक के प्राण पर खतरा बना रहता है।
  • कुंडली के द्वितीय भाव में इन दोनों ग्रहों के होने पर जातक की मां के जीवन में परेशानी आती है और मां की सेहत सदा खराब रहती है।
  • तृतीय भाव में शनि और चंद्र एक साथ हों तो जातक की संतान पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है और संतान को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
  • कुंडली के चौथे भाव में ये युति बनने पर जातक को हर समय तनाव रहता है।
  • कुंडली के पंचम भाव में ये योग बनने से वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है और पति-पत्नी के बीच सदा लड़ाई ही रहती है।
  • छठे भाव में अगर ये योग बनता है तो जातक रोगों से ग्रस्त रहता है।
  • कुंडली के सप्तम भाव में ये योग बनने से जातक के जीवनसाथी को जीवन भर कष्ट ही रहते हैं।
  • अष्टम भाव में विष योग बनने से जातक दानवीर बन जाता है और चीजों का दान करता है। इसलिए इस भाव में अगर ये योग बनें तो ये घातक नहीं माना जाता है।
  • नवम भाव में विष योग होने पर जातक को खूब यात्राएं करनी पड़ती हैं।
  • कुंडली के दशम भाव में विष योग होने पर जातक महा कंजूस होता है और कभी भी पैसे खर्च नहीं करता है।
  • ग्यारहवें भाव में अगर ये योग बने तो जातक को शारीरिक पीड़ा रहती हैं।
  • कुंडली के बारहवें भाव में ये योग होने पर शरीर में हमेशा कमजोरी महसूस होती है।

करें ये उपाय कुंडली से दूर हो जाएगा विष योग

1. कुंडली में विष योग होने पर रोज हनुमान चालीसा पढ़ें। हनुमान चालीसा पढ़ने से इस योग का बुरा प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ेगा। हनुमान चालीसा पढते समय अपने माथे पर केसर का तिलक भी जरूर लगाएं।

2. चंद्र ग्रह को शांत रखने से ये योग खत्म हो जाता है। इसलिए चंद्रमा की पूजा करें और सफेद रंग की चीजों का दान हर शुक्रवार के दिन करें।

3. शनिवार के दिन अपनी छाया दान करें। छाया दान करने से विष योग आपको किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचा पाता है। शनिवार के दिन एक कटोरी में तेल डाल दें और इसमें अपनी छाया को देखें। उसके बाद ये तेल दान कर दें।

4. ये योग चंद्र और शनि ग्रह के कारण बनता है इसलिए इन दोनों ग्रहों को शांत रखने के उपाय करें। चंद्र ग्रह को शांत रखने के लिए शुक्रवार के दिन दूध का दान करें। जबकि शनि ग्रह को शांत रखने के लिए शनिवार के दिन काली चीजों का दान करें।

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