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वायु प्रदुषण से निपटने के लिए दिल्ली में लगा पहला स्मॉग टावर,जाने कीमत और हवा साफ़ करने का तरीका

वायु प्रदुषण इस समय देश में सबसे बड़ा मुद्दा हैं. जिस तरह से लगातार भारत के शहरों में वायु प्रदूषित होते जा रही हैं उस हिसाब से कई सारी बीमारियाँ भी जन्म ले रही हैं. अस्थमा से लेकर फेफड़ों का कैंसर ये वायु प्रदुषण से हो सकता हैं. ऐसे में इससे निजात पाना बहुत जरूरी भी हो गया हैं. इसी कोशिश में पहला प्रयास देश की राजधानी दिल्ली में पहला स्मॉग टावर लगाकर किया गया हैं. ये स्मॉग टावर आज से ही दिल्ली में सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर देगा. जिन लोगो को स्मॉग टावर के बारे में नहीं पता उन्हें बता दे कि ये एक तरह का एयर प्यूरीफायर होता हैं. इसका मूल काम वातावरण में मौजूद प्रदुषण को शौकना होता हैं. ये काफी हद तक घर में लगे एयर प्यूरीफायर की तरह ही होता हैं लेकिन आकार और अन्य प्रक्रिया में काफी भिन्न भी होता हैं.

जानकारी के मुताबिक ये स्मॉग टावर दिल्ली के लाजपत नगर मार्केट में लगा हैं. इस एयर प्यूरिफ़ायर की उंचाई 20 फीट हैं. बता दे कि दिल्ली के लाजपत नगर मार्केट में रोजाना लगभग 15 हजार लोग आते और जाते हैं. ऐसे में दावा किया जा रहा हैं कि इस एयर प्यूरिफ़ायर की सहयता से PM 2.5 और PM10 के कण 80 % तक कम हो सकेंगे.

गौरतलब हैं कि पिछले कुछ महीनो से पुरे देश में दिल्ली की वायु सबसे ज्यादा प्रदूषित थी. इन बिगड़ते हालात को देखते हुए तब नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को ये निर्देश दिए थे कि वे इस प्रदुषण से निपटने के लिए एक रॉड मैप बनाए. इस आदेश में स्मॉग टावर का नाम भी था.

बता दे कि हमारे पड़ोसी देश चीन ने भी अपने देश के प्रदुषण पर लगाम कसने के लिए इस तरह के स्मॉग टावर लगाए हैं. चीन की राजधानी बीज़िंग एवं Xi’an नाम के शहर में तो बेहद विशाल आकार के एयर प्यूरिफ़ायर लगे हुए हैं. इस तरह के अच्छे और बड़े एयर प्यूरिफ़ायर बनाने हेतु हमारी दिल्ली और मुंबई की IIT टीम अमेरिका के Minnesota विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य भी कर रही हैं. गौरतलब हैं कि ये वही अमेरिकी विश्वविद्यालय हैं जिसने चीन के Xi’an शहर में बने प्रोजेक्ट को बनाने में सहयता की थी.

सूत्रों की माने तो दिल्ली में लगे इस स्मॉग टावर की कीमत करीब 7 लाख रुपए हैं. इसे सुचारू रूप से चलाने में इसका प्रति माह खर्च 30 हजार रुपए होगा. इस मासिक खर्च का भुगतान बाजार के ही दुकानदारों को मिलकर करना होगा. 20 फीट लम्बा ये टावर अपने आसपास की 750 मीटर की हवा को प्यूरिफ़ाई करने की क्षमता रखता हैं.

@sunilkapoor8  नाम के ट्विटर यूजर ने इस टावर की तस्वीर शेयर करते हुए बताया कि इस टावर को बनाने का खर्चा पूर्वी दिल्ली के एमपी गौतम गंभीर की फाउंडेशन ने दिया हैं. हालाँकि इस स्मॉग टावर को लेकर विशेषज्ञों की राय थोड़ी अलग हैं. मसलन Centre For Science And Environment की Executive Director अनुमिता राय चौधरी के अनुसार दिल्ली एक ऐसा शहर हैं जहाँ प्रदुषण का लेवल काफी अधिक हैं. यहाँ मौसम भी चेंज होता रहता हैं. इस शहर में प्रदुषण की कईसारी वजहें हैं. ऐसे में इस तरह की चीजों में पैसा लगा के भी कोई फायदा नहीं होने वाला है.

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