स्वास्थ्य

जानें मोतियाबिंद क्या है, मोतियाबिंद के कारण और इसके उपचार

मोतियाबिंद आंखों से जुड़ा हुए एक रोग होता है और इस रोग का शिकार ज्यादातर अधिक आयु के लोग होते हैं। मोतियाबिंद होने पर इसे बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत इसका इलाज करवाना चाहिए। मोतियाबिंद क्या है? बेहद ही कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है। जिसके कारण मोतियाबिंद होने पर लोगों को इस रोग के बारे में पता नहीं चल पाता है और समय रहते वो इस बीमारी का इलाज नहीं करवा पाते हैं। आज हम अपने इस लेख में आपको मोतियाबिंद से जुड़े तमाम सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। इस लेख में मोतियाबिंद क्या है, मोतियाबिंद के कारण और मोतियाबिंद का उपचार क्या हैं इन सब चीजों की जानकारी दी गई है।

मोतियाबिंद क्या है

मोतियाबिंद के कारण

मोतियाबिंद होने पर आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है और कुछ भी साफ नहीं दिखाई देता है। दरअसल मोतियाबिंद होने पर आंखों के लेंस क्लाउडी हो जाते हैं। जिसकी वजह से लेंसों से लाइट साफ तौर पर गुजर नहीं पाती है और ऐसा होने पर जो चीज आप देख रहे होते हैं, वो धुंधली नजर आती है। आंखों से जुड़ी इस समस्या को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया के नाम से जाना जाता है।

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मोतियाबिंद होने पर दूर या पास की चीजें कम दिखाई देती हैं, गाड़ी चलते समय दिक्कत होती है और व्यक्ति के चेहरे के भाव भी साफ तौर पर नहीं दिखाई देते हैं।

मोतियाबिंद के कारण

मोतियाबिंद के कारण अनेक हैं, जो कि इस प्रकार हैं।

  • लंबे समय तक आंखों के सूजे रहने से मोतियाबिंद हो जाता है।
  • अधिक उम्र होने पर आंखे सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और ऐसा होने पर मोतियाबिंद का शिकार लोग हो जाते हैं।
  • डायबिटीज होने से भी मोतियाबिंद हो जाता है। इसलिए डायबिटीज को भी मोतियाबिंद के कारण में से एक कारण माना जाता है।
  • कई बार लोगों को जन्मजात से ही यह रोग लगा होता है।
  • आंखों में चोट लगना और उसका इलाज ना करवाने से भी मोतियाबिंद हो जाता है।
  • आंखों के परदे अलग हो जाना भी मोतियाबिंद के कारण में से एक है।
  • तेज रोशनी में अधिक समय तक बैठे रहने से या गर्म रोशनी को लगातार देखने से भी मोतियाबिंद हो जाता है।
  • गठिया रोग, मोटापा और धुम्रपान के चलते भी मोतियाबिंद का शिकार लोग हो जाते हैं।

मोतियाबिंद से कैसे हो रोकथाम

मोतियाबिंद के कारण

मोतियाबिंद के कारण जानने के बाद आइये जानते हैं मोतियाबिंद की रोकथाम कैसे करें। मोतियाबिंद रोग से आसानी से बचा जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार जो लोग नीचे बताई गई चीजों का पालन सही से करते हैं। उन लोगों को मोतियाबिंद होने की संभावना बेहद ही कम होती है।

  • 40 साल की आयु होने पर अपनी आंखों का खासा ध्यान रखें और समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करवाते रहे।
  • सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों के लिए घातक होती हैं। इसलिए जब भी तेज धूप में निकलने तो सनग्लासेस जरूर लगाएं। सनग्लासेस लगाने से यूवी किरणें आंखों को नुकसान नहीं पहुंच पाती हैं और ऐसा होने पर मोतियाबिंद होने की संभावान कम हो जाती है।
  • अधिक वजन होने पर भी मोतियाबिंद का रोग होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए जिन लोगों का वजन अधिक है वो लोग अपने वजन को जरूर कम करें।
  • अगर आपको डायबिटीज है तो आप छह महीने में एक बार अपनी आंखों की जांच जरूर करवाएं। क्योंकि डायबिटीज के रोगियों को मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक रहता है और वो आसानी से इसकी चेपट में आ जाता है। वहीं समय-समय पर आंंखों की जांच करवाने से मोतियाबिंद से बचाव हो सकता है।
  • हरी सब्जी को आंखों की सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। इसलिए अपनी डाइट में आप हरी सब्जी जरूर शामिल करें और रोज एक सब्जी जरूर खाएँं। सब्जी के अलावा दाल और अंडे जैसी चीजों का भी सेवन करें। इन चीजों को खाने से मोतियाबिंद नहीं होता है।
  • धुम्रपान और शराब का सेवन करने से भी यह रोग हो जाता है। इसलिए धुम्रपान और शराब पीने की आदत को छोड़ दें।

मोतियाबिंद का उपचार

मोतियाबिंद का उपचार बेहद ही सरल है और यह रोग होने पर डॉक्टरों द्वारा एक छोटी सी सर्जरी की जाती है। जो की कुछ ही घंटों में हो जाती है। सर्जरी के अलावा आयुर्वेद में भी मोतियाबिंद के उपचारों के बारे में बताया गया है और इन उपचारों को करने से सर्जरी करवाने की नौबत नहीं आती है। तो आइए जानते हैं मोतियाबिंद का उपचार क्या क्या हैं।

मोतियाबिंद के कारण

  • मोतियाबिंद की शुरुआत होने पर इस उपचार को करें। इस उपचार के तहत भीमसेनी कपूर को दूध में घिस लें और इसे आंखों में रोजाना लगाएं। ऐसा करने से मोतियाबिंद सही हो जाएगा।

मोतियाबिंद के कारण

  • गिलोय के रस में शहद और हल्का सा सेंधा नमक मिला दें। इसके बाद इससे अपनी आंखों को साफ करें। यह उपाय करने से मोतियाबिंद सही हो जाता है।

मोतियाबिंद के कारण

  • पीसे हुए धनिया को एक कप पानी में उबालकर लें। इस पानी को छान लें और ठंडा कर लें। इसके बाद इस पानी से अपनी आंखों को साफ कर लें। रोज इस पानी से आंखों को धोने से मोतियाबिंद ठीक हो जाएगा।

मोतियाबिंद के कारण

  • त्रिफला पाउडर को पीसकर एक पेस्ट तैयार कर लें। इसके बाद इस पेस्ट को आंखों पर लगा लें और आंखों पर कुछ देर के लिए पट्टी बांध दें। ऐसा करने से मोतियाबिंद सही हो जाएगा।

मोतियाबिंद के कारण

  • सौंफ और धनिया को अच्छे से पीसकर एक पाउडर तैयार कर लें। इस पाउडर में भूरी शक्कर मिला दें और रोज सुबह इसे खाएं। इसे खाने से मोतियाबिंद रोग से आराम मिल जाता है।

रखें इन बातों का ध्यान

  • मोतियाबिंद होने पर इसे नजर अंदाज ना करें और वक्त रहते इसका उपचार करें। क्योंकि वक्त रहते इसका उपचार ना करने से आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
  • मोतियाबिंद से ग्रस्त लोग गाय का दूध जरूर पीएं और ऐसा कोई भी काम ना करें जिससे उनकी आंखों पर अधिक जोर पड़े। आंखों को जितना हो सके उतना आराम दें।

मोतियाबिंद क्या है, मोतियाबिंद का उपचार और मोतियाबिंद के कारण पढ़ने के बाद आप इस रोग को अनदेखा ना करें और इसका इलाज जरूर करवाएं। हम उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।

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