अध्यात्म

जीवन में जहर घोल देता है ‘विष योग (Vish Yog)’, जानें इस दोष से बचने के सरल और कारगर उपाय

कुंडली में शुभ योग होने पर जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है। जबकि अशुभ योग होने पर जीवन में परेशानियां आने लग जाती हैं। शास्त्रों में कई तरह के योगों का जिक्र किया गया है और इन्हीं योगों में से एक योग विष योग (Vish yog) के नाम से जाना जाता है। कुंडली में विष योग होना शुभ नहीं माना जाता है और इस योग के कारण जातक के जीवन में कई तरह की परेशनियां आती हैं। इतना ही नहीं विष योग के कारण जातक के परिवार के सदस्यों खासकर माता के जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह योग कुंडली में बनने पर इसे अनदेखा ना करें और तुरंत इस योग को टालने से जुड़े उपायों को करें।

क्या होता है विष योग (Vish yog)

vish yog

ज्योतिष के अनुसार जब किसी जातक की कुंडली में शनि और चंद्र ग्रह का संयोजन एक साथ बनता है। तब उसे विष योग (vish yog) कहा जाता है। दरअसल जब कुंडली में चंद्रमा के लग्‍न स्‍थान में या चन्द्रमा पर शनि की 3, 7 अथवा 10वें घर से दृष्टि होती है। तब इस स्थिति को विष योग के नाम से जाना जाता है। यह योग जीवन में खूब दिक्कते पैदा करता है और जीवन को विष के समान बना देता है।

विष योग होने पर जीवन पर पड़ने वाला असर

रहता है मन दुखी

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यह योग कुंडली में होने से जातक का मन सदा दुखी रहता है और मन में अशांति पैदा होती रहती है। इतना ही नहीं किसी भी कार्य को लेकर मन में केवल नकारात्‍मक विचार ही आते रहते हैं।

भय

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कई बार विष योग (vish yog) के चलते जातक भय का शिकार भी हो जाता है और हर समय डरा-डरा रहता है। इसके अलावा जातक को बुरे सपने भी खूब आते हैं और इन सपनों के कारण दिमाग में अशांति रहती।

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शत्रु पहुंचाते हैं नुकसान

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जिन लोगों की कुंडली में विष योग होता है, उन लोगों को अपने शत्रुओं से सदा हार का ही सामना करना पड़ता है। यह योग होने से जातक के शत्रुओं की संख्या भी बढ़ जाती है और जातक हर समय शत्रु से ही घिरा रहता है।

दूसरों पर होते हैं निर्भर

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विष योग के कारण जातक दूसरे लोगों पर अधिक निर्भर होने लग जाता है और हर काम के लिए अन्य लोगों की सहायता लेनी पड़ती है। इतना ही नहीं किसी भी तरह का फैसला लेने में भी असमर्थन होता हैं और लोगों के कहने पर ही फैसला ले पाता है।

दरिद्रता

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विष योग (vish yog) के होने पर धन हानि खूब होती है और अच्छा खासा व्यापार भी डूब जाता है। इसके अलावा संपत्ति में भी हानि होती है और जीवन में दरिद्रता यानी गरीब आ जाती है। इसलिए कुंडली में विष योग होने पर इसे अनदेखा बिल्कुल ही ना करें।

परिवार में लोग रहते हैं बीमार

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ज्योतिष के अनुसार जब किसी जातक की कुंडली में विष योग बनता है तो सबसे पहले जातक के परिवार वालों पर इसका असर पड़ता है। विष योग होने पर जातक के परिवार के सदस्यों की सेहत खराब होने लग जाती है और घर की सुख शांति पूरी तरह से खत्म हो जाती है। इसके अलावा परिवार के सदस्यों के बीच दूरी भी आ जाती है।

हर कार्य रहता है असफल

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विष योग होने पर जातक जो भी कार्य करता है उसमें उसे केवल असफलता ही मिलती है। लाख मेहनत के बाद भी उसे वो फल नहीं मिल पाता है जिसकी कामना की होती है।

कुंडली में विष योग होने पर करें यह उपाय (Vish yog)

कुंडली में विष योग होने पर इससे डरे नहीं और नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने इस योग का बुरा प्रभाव जीवन में नहीं पड़ता है। तो आइए जानते हैं इस योग के प्रभाव को कम करने से जुड़े उपाय।

हनुमान जी की पूजा करें

कुंडली में विष योग होने पर हनुमान जी की पूजा करें और मंगलवार के दिन मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया करें। इसके अलावा हनुमान जी को मीठी चीज का भोग भी लगाएं। ये उपाय करने से विष योग (vish yog) के कारण किसी भी तरह की दिक्कत जीवन में पैदा नहीं होती है।

करें इस मंत्र का जाप

विष योग (vish yog) से बचने के लिए रोज सुबह और शाम ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप किया करें। इस मंत्र का जाप करने से इस दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस मंत्र को 108 बार सुबह के समय और शाम के समय पढ़ें। यह मंत्र पढ़ने से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं और वो आपकी के जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने देते हैं। इसके अलावा हर सोमवार के दिन मंदिर जाकर शिव जी की पूजा करें और शिव जी पर जल चढ़ाएं। ऐसा करने से भी विष दोष का प्रकोप कम हो जाता है।

नहीं पीएं दूध

जी हां यह योग कुंडली में होने पर आप दूध पीना बंद कर दें। ऐसा कहा जाता है कि यह योग होने पर दूध बिलकुल नहीं पीना चाहिए और लगातार 21 शनिवार कुंए में दूध डालना चाहिए।

छाया का करें दान

अपनी छाया का दान करने से भी यह योग कुंडली से दूर हो जाता है। एक कटोरी में सरसों का तेल डालें और इस कटोरी में अपनी छाया को देखें। इसके बाद इस तेल का दान कर दें। यह उपाय करने से विष योग (vish yog) से मुक्ति मिल जाती है। इस उपाय को आप लगातार 31 दिनों तक शाम के समय करें। इस बात का ध्यान रखें कि तेल में आपके चेहरे की छाया जरूर दिखनी चाहिए।

‘महा म्रंत्युन्जय मन्त्र’ पढ़ें

‘महा म्रंत्युन्जय मन्त्र’ बेहद ही असरदार मंत्र माना जाता है और इस मंत्र का जाप करने से विष योग से निजात मिल जाती है। इस मंत्र का जाप आप रोज कम से कम 108 बार किया करें।

विष योग होने पर इससे डरें नहीं और इस दोष को खत्म करने से जुड़े उपायों को करें। इन उपायों को सच्चे मन से करने से कुंडली में विष योग (Vish yog) पूरी तरह से खत्म हो जाता है और जीवन में शातिं बनीं रहती है।

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