अध्यात्म

शालिग्राम के पूजा करते समय जरूर करें इन 4 नियमों का पालन, वर्ना फायदे की जगह होगा बड़ा नुक्सान

शालिग्राम एक पवित्र पत्थर माना जाता है और शालिग्राम को पूजा घर में रखने से घर में बरकत बनीं रहती है। शास्त्रों में शालिग्राम को भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ बताया गया है और लोगों द्वारा शालिग्राम भगवान की पूजा की जाती है। शालिग्राम पत्थर केवल नेपाल के मुक्तिनाथ और काली गंडकी नदी के तट पर ही पाए जाता हैं। ये पत्थर कई आकर का होता है और प्रत्यके आकार को भगवान विष्णु के एक रुप से जोड़कर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पत्थर के अंदर विष्णु जी का वास होता है और इसकी पूजा करना विष्णु जी की पूजा करने के सामान है।

शालिग्राम के अंदर होती है ब्रह्मांडीय ऊर्जा

शस्त्रों में शालिग्राम के अंदर ब्रह्मांडीय ऊर्जा बताई गई है। ये बेहद ही चमत्कारी पत्थर माना गया है और इसके घर में होने से घर में सकारात्मक बनीं रहती है। शालिग्राम को घर में रखने से इसका प्रभाव घर पर स्थापित हो जाती है और घर में पवित्र ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है। इतना ही नहीं इसकी पूजा करने से गृहकलह भी नहीं होता है और मन सदा शांत रहता है।

शालिग्राम की पूजा करने से तीर्थ यात्रा करने के समान फल मिलता है। इसलिए आप अपने पूजा घर में शालिग्राम जरूर रखें और इसकी पूजा करें। वहीं शालिग्राम को पूजा घर में रखने से कुछ नियम जुड़े हुए हैं और इन नियमों का पालन हर किसी को करना चाहिए। तो आइए जानते हैं शालिग्राम की पूजा करने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।

शुद्ध मन से करें पूजा

शालिग्राम की पूजा सदा सच्चे और शुद्ध मन से करनी चाहिए। शालिग्राम की पूजा करते समय पूरा ध्यान इसकी पूजा में ही होना चाहिए। क्योंकि सच्च मन से शालिग्राम की पूजा करने से ही पूजा सफल मानी जाती है। इसलिए जब भी आप शालिग्राम की पूजा करें तो पूरे ध्यान और शुद्ध मन के साथ करें।

रोज करें पूजा

शालिग्राम की पूजा रोज करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शालिग्राम को रोज पांच अमृत से स्नान करवाना चाहिए और रोज इसकी पूजा करनी चाहिए। पूजा करते हुए शालिग्राम पर पीले रंग का वस्त्र चढ़ाएं और सामने एक धूप जलाएं।  ऐसा माना जाता है कि रोज शालिग्राम की पूजा करने घर में शांति बनीं रहती है और आप रोग मुक्त रहते हैं।

केवल एक ही हो शालिग्राम

पूजा घर में केवल एक ही शालिग्राम स्थापित करें। कभी भी एक से अधिक शालिग्राम की पूजा एक साथ ना करें और एक जगह पर एक ही शालिग्राम रखें।

चंदन और तुलसी

शालिग्राम की पूजा करते समय इसपर केवल चंदन का तिलक ही लगाएं। साथ में ही इस पत्थर पर तुलसी का पत्ता भी जाएं। क्योंकि चंदन का तिलक और तुलसी का पत्ता अर्पित करने के बाद ही शालिग्राम की पूजा सफल मानी जाती है।

ऊपर बताए गए नियमों का आप पालन जरूर करें। क्योंकि जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं उनका जीवन बर्बाद हो जाती है। इसलिए जो लोग इन नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं वो लोग इसे अपने घर में ना लाएं।

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