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AAP के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने मिसलीड ट्वीट से की दंगे भड़काने की कोशिश, देखे सबूत

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर पुरे देश में हलचल मची हुई हैं. कुछ इसके पक्ष में हैं तो कुछ विरोध में हैं. बीते रविवार जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में इसका विरोध हिंसा में तब्दील हो गया. इसी बीच इंटरनेट पर एक विडियो बड़ा वायरल हो रहा हैं. इस विडियो में हम देखते हैं कि एक बाइक जल रही हैं जिसे फायर इक्स्टिंगग्विशर द्वारा बुझाने का प्रयास करता एक आदमी दिखाई देता हैं. इसके बाद कुछ पुलिसकर्मी डीटीसी क्लस्टर बस में प्लास्टिक के पीले डब्बों से कुछ डालते हुए दिखाई देते हैं. विडियो के अंत में ये भी सुनाई देता हैं “बुझ गया…बुझ गया.”

अब इसी विडियो को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री  एवं ‘AAP’ के सदस्य मनीष सिसौदिया ने ट्विटर पर शेयर किया हैं. हालाँकि ऐसा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वो दिल्ली पुलिस ही थी जो बसों में आग लगाने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने इस विडियो के साथ कैप्शन में लिखा “चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है. AAP किसी भी तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ है. ये बीजेपी की घटिया राजनीति है. इस वीडियो में ख़ुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है.

इसके ठीक बाद उनका एक और ट्वीट आया जिसमे लिखा गया “इस बात की तुरंत निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए कि बसों में आग लगने से पहले ये वर्दी वाले लोग बसों में पीले और सफ़ेद रंग वाली केन से क्या डाल रहे है.. ? और ये किसके इशारे पर किया गया? फ़ोटो में साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी ने घटिया राजनीति करते हुए पुलिस से ये आग लगवाई है.

बस फिर क्या था इसके बाद उनके इस ट्वीट को कई रीट्वीट मिलना शुरू हुए और इंटरनेट पर ये बहस चलने लगी कि क्या सच में दिल्ली पुलिस ने ही बसों में आग लगाईं हैं या फिर इसके पीछे प्रदर्शनकारीयों का हाथ हैं. इस बात का फैक्ट चेक हाल ही में बीबीसी ने किया हैं. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधाव के अनुसार विडियो के द्वारा लोगो तक गलत जानकारी पहुंचाई जा रही हैं. पुलिस आग लगा नहीं रही थी बल्कि बुझा रही थी. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हुई जिसमे पुनः इसी बात को दोहराया गया कि विडियो में पुलिस आग बुझाने का प्रयास कर रही थी. ये भी बताया गया कि DL1PD-0299 नंबर वाली बस में पहले से आग नहीं लगी थी. बल्कि पुलिस को उसमे कुछ चिंगारी दिखाई दी थी जिसे वे बुझा रहे थे. इसलिए उन्होंने इस तरह की अफवाहों पर भरोसा ना करने की सलाह दी.

दिल्ली के न्यू फ़्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन पर कार्यरत एडिशनल थाना इंचार्ज मनोज वर्मा ने बताया कि वायरल विडियो हमारे एरिया का ही हैं. विडियो में खड़ी बस में आग नहीं लगी हैं. बल्कि उसे तोड़ा गया था. इसके साथ ही पुलिस की बाइक्स में आग लगाईं गई थी जिसे हम बुझाने की कोशिश कर रहे थे.

पुलिस के दावे की पुष्टि इस बात से भी होती हैं कि विडियो में दिखाई दे रही बस को सुधार हेतु डीटीसी डिपो भेजा जा चूका हैं. अर्थात यदि उसमे आग लगी होती तो वो बस वहां जली हालत में मिलती. इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में कुछ नामो पर एफ़आईआर दर्ज की हैं लेकिन मामला गंभीर होने की वजह से फिलहाल उन नामो को उजागर नहीं किया गया हैं. जांच के दौरान बीबीसी टीम को एरिया में 4 जली डीटीसी बसें, कुछ बाइक्स और एक पूरी तरह टूटी बस एवं कार दिखाई दी. उधर जब बीबीसी वालों ने इस बावत मनीष सिसौदिया से संपर्क साधना चाहा तो उन्होंने कॉल का जवाब ही नहीं दिया.

इसके साथ ही एनडीटीवी के पत्रकार अरविंद गुनशेखर ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना स्थल का विडियो मैंने ही अपने फोन से शाम 5.01 पर रिकॉर्ड किया था. वहीं दूसरा विडियो 5.06 को शूट हुआ था. दोनों ही विडियो से साफ़ होता हैं कि पुलिस वहां बाइक में लगी आग बुझा रही थी और उस बस में आग लगी ही नहीं थी. इसके साथ ही घटनास्थल के नजदीक मौजूद सिक्योरिटी गार्ड राहुल कुमार का भी यही कहना हैं कि हमने किसी पुलिस वालो को आग लगाते नहीं देखा. उन्होंने बताया कि 2-3 बजे प्रदर्शनकारियों का का झुंड आया था जिन्होंने आग लगाईं थी.

अर्थात ये स्पष्ट हैं कि पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं.

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