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ये है दुनिया की 5 सबसे ताकतवर महिलाएं, इनके हर एक फैसले का वर्ल्ड पर होता है असर

आज हम आपको वर्ल्ड की सबसे ताकतवर महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनके फैसले पूरी दुनिया पर असर करते हैं. वर्ल्ड की फेमस मैगजीन फ़ोर्ब्स ने सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट जारी की है. आइए जानते हैं कौन हैं दुनिया की सबसे ताकतवर पांच महिलाएं….

सबसे ताकतवर महिलाओं की टॉप फाइव लिस्ट में पांचवें स्थान पर जनरल मोटर्स की मेरी बर्रा का नाम शामिल किया गया है. इन्होंने इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स, सेल्फ ड्राइविंग, कार और राइट शेयर सर्विस में अरबों रुपए निवेश किया है.

चौथे स्थान पर यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उर्सुला वॉन डेर लिए का नाम शामिल किया गया है. ये 70 करोड़ से ज्यादा यूरोपियन लोगों के प्रति जवाबदेह हैं. ये 70 करोड़ यूरोपियन लोगों से जुड़े फैसले ले सकती हैं.

इस लिस्ट में तीसरा नाम नैंसी पेलोसी का है. फ़ोर्ब्स मैगजीन की लिस्ट के अनुसार यह दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर महिला है. अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ी पोस्ट यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर की होती है. नैंसी पेलोसी इसी पद पर कार्यरत हैं.

इस लिस्ट में यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रेसिडेंट क्रिस्टीन लेगार्ड का नाम दूसरे स्थान पर रखा गया है. क्रिस्टीन लेगार्ड सेंट्रल बैंक की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर है.

फ़ोर्ब्स मैगजीन की लिस्ट के अनुसार वर्ल्ड की सबसे ताकतवर और पावर फुल महिला जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल है. एंजेला मर्केल न केवल जर्मनी की पहली महिला चांसलर है बल्कि वह 2005 से लगातार इस पद पर कार्यरत हैं.

दुनिया की सबसे शक्तिशाली और ताकतवर महिला एंजेला मर्केल का जन्म 17 जुलाई 1954 को हुआ था. इनके पिता जर्मनी के प्रोटेस्टेंट चर्च में पादरी थे और मां लैट्रिन और इंग्लिश की टीचर थी.

एंजेला मर्केल को पहले एंजेला कासनार के नाम से जाना जाता था. शादी के बाद उनका नाम बदलकर एंजेला मर्केल हो गया. शादी के लगभग 4 सालों के बाद ही एंजेला ने अपने पति से तलाक ले लिया.

कुछ सालों के बाद उन्होंने दूसरी शादी की. साल 1990 में एंजेला मर्केल डेमोक्रेटाइज्ड ऑफ ब्रक में प्रेस प्रवक्ता नियुक्त हुए. उसी साल पॉलीटिशियन पार्टी सीडीयू में मिल गई थी.

कुछ समय के बाद एंजेला जीडीआर सरकार में उप प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हुई. इसके बाद एंजेला चुनाव में खड़ी हुई और जीत हासिल की.

1991 में महिला और युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री बने एंजेला ने यह तय कर लिया था कि जर्मनी के हर बच्चे को प्री प्राइमरी किंडर गार्डन में दाखिला मिल सके.

साल 1994 में पर्यावरण मंत्री बनी एंजला के कार्यकाल में बर्लिन में 1995 में पहला यूएन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया और इंटरनेशनल लेवल पर कार्बन डाइऑक्साइड कम करने की मुहिम शुरू की गई.

2000 में एंजेला पार्टी की नेता बनी और 2005 में चुनाव जीतकर वह चांसलर बनी. एंजेला पढ़ने में हमेशा से अच्छी थी. उन्होंने फिजिक्स में डिग्री हासिल की और ईस्ट जर्मनी एकेडमी ऑफ साइंस से क्वांटम केमेस्ट्री में पीएचडी की.

इस यूनिवर्सिटी से रिसर्च करने वाली एंजेला अकेली गर्ल स्टूडेंट थी. कॉलेज में पढ़ाई करते समय अपनी पॉकेट मनी निकालने के लिए उन्होंने बार टेंडर की नौकरी भी की थी.

आज के समय में इतने बड़े पद पर मौजूद होने के बाद भी अपने पति के लिए नाश्ता बनाती हैं. इतने उच्च पद पर होने के बावजूद एंजला बहुत ही सादा जीवन जीना पसंद करती हैं.

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