अध्यात्म

जीवन में बड़ा टारगेट हासिल करना हैं तो हनुमानजी से जुड़ा रामायण का ये अध्याय जान ले

जीवन में यदि आप कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं तो आपके अंदर आत्मविश्वास का होना बेहद जरूरी होता हैं. यदि आप खुद को ही कम समझने लगोगे और कोशिश के पहले ही हार मान लोगे तो लाइफ में कभी कोई बड़ा टारगेट हासिल नहीं कर पाओगे. इस बात का सबसे बढ़िया उदाहरण रामचरित मानस के पांचवे अध्याय सुंदरकांड में देखने को मिलता है. जैसा कि आप सभी जानते हैं जब रावण सीताजी का हरण कर उन्हें लंका ले गया था तो राम लक्ष्मण अपनी वानर सेना संग उन्हें खोजने निकले थे. इसी बीच उनके रास्ते में एक विशाल समुद्र आ जाता हैं जिसे सबसे पहले स्वयं हनुमान जी लांघ कर जाते हैं.

जब शुरुआत में वानर सेना इस समुद्र के तट पर पहुंची थी तो उन्हें ये काम असंभव सा प्रतीत हो रहा था. सभी को यही लग रहा था कि सौ योजन यानी करीब 400 किमी लंबा समुद्र लांघकर लंका जाना बेहद मुश्किल या नामुमकिन सा काम हैं. वानर के दल में सबसे पहले समुद्र लांघने को लेकर जामवंत ने असमर्थता जताई. इसके बाद अंगद आया और कहा कि मैं समुद्र लांघ तो जाऊ लेकिन वापस आने में मुझे संदेह हैं. यहाँ अंगद में आत्मविश्वास की कमी दिखती हैं.

इसके बाद जामवंत ने हनुमान जी को प्रेरित करते हुए उनकी शक्तियों की याद दिलाई. फिर हनुमान जी ने अपने शरीर को पहाड़ जैसा बड़ा कर लिया. फिर पुरे आत्मविश्वास के सतह वे बोले मैं तो एक ही छलांग में समुद्र लांघ लंका तबाह कर दूंगा. रावण और उसकी राक्षसी सेना का नाश कर सीता मैया को साथ ले आऊंगा. हनुमान का अपनी शक्ति पर इतना आत्मविश्वास देख जामवंत ने उन्हें शांत किया और कहा कि आप सिर्फ सीताजी की खोज करे. रावण को मारने का काम रामजी का हैं. इसके बाद हनुमानजी ने पुरे विश्वास और जोश के साथ समुद्र पार किया. रास्ते में आने वाली बाधाएं जैसे सुरसा और सिंहिका का रोकना भी उनके आत्मविश्वास को डगमगा नहीं सका.

इस अध्याय से हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता हैं. यदि आपके मन में विचार अंजोर हो, आत्मविश्वास की कमी हो और आप किसी काम या अपनी क्षमता को लेकर डाउट करते हो तो सफलता आपको कभी नहीं मिलेगी. कमजोरी मानसिकता होने की वजह से हम स्थिति का सामना करने से पहले ही हार मान लेते हैं. वहीं दूसरी ओर यदि आप खुद पर विश्वास रखे और अपने अंदर आत्मविश्वास बनाए रखे तो ढेरो बाधाने आने के बावजूद अपने टारगेट को हासिल जरूर कर लेंगे. इसलिए खुद पर भरोसा रखना ही बड़ा टारगेट हासिल करने की कुंजी हैं.

आप कभी खुद को कम ना समझे. यदि किसी चीज में आप माहिर नहीं हैं तो उसमे एक्सपर्ट बनने की ओर प्रयास करे. कोशिश एक ऐसी चीज हैं जिसे बार बार किया जाए तो वो सफलता में तब्दील हो जाती हैं. इसलिए आपको कोशिशें करने से कभी पीछे नहीं हटना चहिए. हमें उम्मीद हैं कि आपको ये बात अच्छे से समझ आ गई होगी. कृपया ये जानकारी आप दूसरों के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी अपने अपने टारगेट को आसानी से हासिल कर सके.

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