बेटों की तुलना में बेटियां पिता की ज्यादा लाडली क्यों होती हैं? वजह हैरान कर देगी
‘पापा की परी हूँ मैं’ ये लाइन आप ने कई लड़कियों के मुंह से सुनी होगी. आमतौर पर बेटियां अपने पिता के बेहद करीब होती हैं जबकि बेटों की अपनी माँ से ज्यादा बनती हैं. ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा हैं कि वो आखिर या वजह हो सकती हैं जो पिता और बेटी के बीच का रिश्ता बेटे की तुलना में ज्यादा मजबूत रहता हैं. जब लाड़ प्यार की बात आती हैं तब भी पिता का झुकाव बेटियों की तरफ अधिक दिखता हैं. आप ने भी कई मौको पर ये देखा होगा कि एक पिता अपनी बेटी से बहुत प्यार करता हैं. इमोशनली उसका जुड़ाव बेटी से ज्यादा होता हैं. आज हम आपको इसकी कुछ ख़ास वजहें बताने जा रहे हैं.
1. बेटियां बेटों की तुलना में ज्यादा केयरिंग होती हैं. वे अपने पिता की छोटी छोटी जरूरतों का भी ख्याल रखती हैं. पिता के कई काम बेटियां निपटा देती हैं. वे पिता की मदद को हमेशा आगे रहती हैं. यदि पिता बीमार हो जाए तो भी बेटियां अधिक सेवा करती हैं. वहीं बेटों की बात करे तो वे भी केयर तो करते हैं लेकिन खुल कर पिताजी के सामने जता नहीं पाते हैं. इस वजह से पिताजी की नजरों में बेटियां ज्यादा प्रिय बन जाती हैं.
2. बेटों की तुलना में बेटियां ज्यादा समझदार और आज्ञाकारी होती हैं. वे अपने पिता की बात जल्दी मान लेती हैं. वहीं दूसरी ओर बेटे पिताजी की हर बात नहीं मानते हैं. कई बार घर में दो मर्दों के होने पर इगो प्रॉब्लम आ जाती हैं. दोनों यही चाहते हैं कि घर में उनके फैसले चले. ऐसे में बाप बेटे की अलग सोच ई वजह से उनमे मतभेद होते रहते हैं. वहीं बेटी के साथ ये समस्यां कम ही देखने को मिलती हैं.
3. बेटियां अपने पिता की इज्जत का ज्यादा ध्यान रखती हैं. वो कभी कोई ऐसा काम नहीं करती कि उनके पिता की आँखें शर्म से झुक जाए या बदनामी हो. वहीं बेटे मस्ती मजाक और शरारत में बह जाते हैं और कई बार पिताजी की इज्जत से पहले अपने बारे में सोच लेते हैं. ऐसे में बेटी पिताजी की आँखों का तारा बन जाती हैं.
4. शादी के बाद भी बेटियां अपने पिता का सपोर्ट करती हैं. वहीं कुछ बेटे शादी के बाद थोड़े बदल जाते हैं. वे अपनी बीवी की अधिक सुनते हैं. उसके इशारों पर ही चलते हैं और पिताजी की अनदेखी कर देते हैं. कुछ तो घर से अलग भी हो जाते हैं. ऐसे में पिता जी का बुढ़ापे में ख्याल रखने वाला कोई नहीं होता हैं. वहीं बेटियां शादी के बाद भी अपने पिता की सेहत और ख़ुशी का टेंशन लेती रहती हैं. उसे जब भी समय या मौका मिलता हैं वो उनका सपोर्ट करती हैं.
5. कहते हैं बेटियां घर की लक्ष्मी होती हैं. वैसे इस धार्मिक कहावत को एक मिनट के लिए साइड में भी रख दिया जाए तो बेटियां बेटों की तुलना में कम खर्चा करती हैं. बेटों के शौक बड़े होते हैं. वे अक्सर अपनी मस्ती के चक्कर में पैसा उड़ाते रहते हैं. वहीं बेटियां ऐसा कम ही करती हैं.