राजनीति

जय हो – कभी बैलगाड़ी-साइकिल से रॉकेट ढोने वाला इसरो! एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर दुनिया पर पड़ा भारी

आंध्र प्रदेश में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और कामयाबी हासिल कर ली. बुधवार सुबह इसरो ने एकसाथ 104 उपग्रह लॉन्च कर इतिहास रच दिया. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है कि क्योंकि पहली बार कोई देश एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा है. अभी तक किसी भी देश ने एक साथ इतने सैटेलाइट लॉन्च नहीं किए हैं. सबसे ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड फिलहाल रूस के नाम था. रुस ने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट लॉन्च किए थे.

इसरो का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष में एक मजबूत मौजूदगी दर्ज करवाएगा. श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए 28 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार की सुबह 5:28 बजे शुरू हो गयी थी और बुधवार सुबह 9:28 बजे इसे छोड़ा गया.

इसरो के आगे रूस और अमेरिका जैसे देश रह गए पीछे –

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन 104 उपग्रहों में से भारत को मात्र 3 ही उपग्रह हैं. लॉन्च किए गए उपग्रहों में अमेरिका के अलावा इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान के छोटे आकार के सैटेलाइट शामिल हैं. इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने मीडिया से कहा, “इनमें से एक उपग्रह का वजन 730 किग्रा का है, जब बाक़ी के दो का वजन 19-19 किग्रा है. इनके अलावा हमारे पास 600 किग्रा और वजन भेजने की क्षमता थी, इसलिए हमने 101 दूसरे सैटेलाइटों को भी लाँच करने का फ़ैसला लिया. अनुमान है कि इसरो को विदेशी सैटेलाइटों से 100 करोड़ रूपये से ज़्यादा की आमदनी हुई है.

पिछले कुछ सालों में भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बाज़ार में भरोसेमंद प्लेयर बनकर उभरा है. बीते कुछ सालों में भारत ने दुनिया के 21 देशों के 79 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है, जिसमें गूगल और एयरबस जैसी बड़ी कंपनियों के सैटेलाइट शामिल रहे हैं.

चीन से है कड़ा मुकाबला –

मौजूदा स्थिति में चीन अपने अंतरिक्ष अभियान पर भारत की तुलना में ढाई गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है और उसके पास सैटेलाइटों को लाँच करने की क्षमता भी चार गुना ज़्यादा है. वर्तमान समय में भारत में हर साल में पांच सैटेलाइट अभियान लॉन्च कर सकता है जबकि चीन की क्षमता 20 अभियान लाँच करने की है. बावजूद इस अंतर के अंतरिक्ष बाज़ार में भारत और चीन की होड़ को जानकर उसी तरह से देख रहें जिस तरह की होड़ कभी अमेरिका और सोवियत रूस में हुआ करती थी.

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