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दुर्गा पूजा पांडाल में पहली बार मिले लड़का लड़की, 4 घंटे बाद कर ली शादी

कहते हैं प्यार कभी भी, कहीं भी और किसी से भी हो सकता हैं. लोगो को अपना लाइफ पार्टनर या सच्चा प्यार कई अलग और अनोखी जगहों पर पहली बार मिलता हैं. ऐसे में आज हम आपको दो ऐसी प्रेमियों की प्रेम कहानी सुनाने जा रहे हैं जिनकी पहली बार मुलाकात माँ दुर्गा के पांडाल में हुई और दोनों ने चार घंटे बाद ही शादी भी कर ली. दरअसल 35 वर्षीय सुदीप घोसल की दोस्ती सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर प्रीतमा बेनर्जी के साथ हुई थी. ये दोनों पिछले तीन महीनो से ऑनलाइन दोस्त थे. इनकी विडियो कॉल्स के माध्यम से बात भी होती रहती थी. हालाँकि दोनों एक दुसरे से कभी मिले नहीं थे.

लेकिन शायद माता रानी ने इन दोनों को मिलाने की ठान रखी थी. हाल ही में कोलकाता में दुर्गा अष्टमी के मौके पर पांडाल में दुर्गा पूजा का आयोजन था. ऐसे में सुदीप और प्रितमा दोनों संयोग से इस पांडाल में आ गए. बता दे कि दोनों ने यहाँ मिलने की कोई प्लानिंग नहीं की थी, बल्कि ये संयोग ही था कि दोनों ना सिर्फ इस पांडाल में आए बल्कि एक दुसरे से टकरा भी गए. यदि हम में से कोई वहां होता तो इसे बस एक दुसरे से मिलने का चांस समझता. या ज्यादा से ज्यादा एक दुसरे से थोड़ी बाते कर इस दोस्ती को आगे बढ़ाता. लेकिन सुदीप और प्रितमा के साथ कुछ और ही हुआ. प्रितमा को पहली बार रियल लाइफ में अपनी आँखों के सामने देख सुदीप को अजीब सा एहसास हुआ. उसे लगा कि प्रितमा ही वो लड़की हैं जिसके साथ वो अपनी पूरी जिंदगी गुजार सकता हैं. ऐसे में बिना कोई समय बर्बाद किये सुदीप ने प्रीतम को शादी के लिए प्रपोज कर दिया. बता दे कि सीदौरान पांडाल में कई हजार लोग मौजूद थे जिन्होंने ये नज़ारा देखा.

हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान सुदीप ने कहा “उस रात तक हम दोनों की सिर्फ विडियो कॉल्स से ही बातचीत होती थी. हम दोनों सिल्दाह एरिया में मिले थे. वहीं मैंने उसे शादी के लिए प्रपोज किया था.” शादी के प्रपोजल के बाद दोनों हिन्द मोटर अपनी बाइक लेने गए. यहाँ से दोनों साथ में राइड कर ही रहे थे कि उन्होंने फैसला लिया कि वो अभी इसी समय शादी करेंगे. ऐसे में दोनों ने मिलने के चार घंटों के अंदर ही हिन्द मोटर के दुर्गा पूजा पांडाल में शादी रचा ली. पांडाल में मौजूद लोगो ने भी दोनों का उत्साह के साथ स्वागत किया. सुदीप बताते हैं कि प्रितमा अपनी मांग में मेरे नाम का सिंदूर चाहती थी. मुझे इससे कोई दिक्कत भी नहीं थी, क्योंकि मैं इन रस्मों को मानता भी नहीं हूँ. वहीं दूसरी ओर प्रितमा ने बताया कि उसे माँ दुर्गा में बहुत ज्यादा विश्वास हैं. इसलिए उनके सामने बिना किसी रस्म या रिवाज़ के शादी करने में उसे कोई दिक्कत नहीं थी.

दोनों ने माँ दुर्गा के सामने ही मालाएं एक दुसरे को पहनाई. साथ ही सुदीप ने प्रीतमा की मांग में सिंदूर भी भरा. ये दोनों अब आधिकारिक रूप से सोशल मेरिज करने की तैयारी में हैं जिसमे उनके परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे. दिलचस्प बात ये रही कि दोनों के परिवार वाले भी इस शादी के लिए मान गए हैं.

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